न्यूज़ जांजगीर-चांपा । स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर, चांपा में बसंत पंचमी दिनांक 3 फरवरी के पावन अवसर पर विद्यारंभ संस्कार का भव्य आयोजन किया जाएगा । यह संस्कार भारतीय संस्कृति की एक महत्वपूर्ण परंपरा हैं , जिसमें छोटे भैया-बहिनों का शिक्षार्थी वैदिक मंत्रों और रीति-रिवाजों के साथ किया जाएगा । विद्यालय प्रशासन ने बताया कि इस संस्कार के अंतर्गत नव प्रवेशी छात्रों का निःशुल्क पंजीयन किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा का लाभ मिल सके ।
बसंत पंचमी और विद्यारंभ संस्कार का धार्मिक महत्व।
बसंत पंचमी का दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन विद्यारंभ संस्कार करना विशेष रूप से शुभ माना जाता हैं । इसे अक्षरारंभ या अक्षराभ्यास भी कहा जाता हैं , जिसमें बच्चों को पहली बार लिखना और पढ़ना सिखाया जाता है। इस संस्कार का उद्देश्य बच्चों में विद्या, संस्कार और नैतिक मूल्यों की नींव रखना हैं , जिससे वे उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।
तीन महिनों तक दी जायेगी निःशुल्क शिक्षा
विद्यालय के प्राचार्य अश्विनी कुमार कश्यप ने दैनिक समाचार पत्रों से सम्बद्ध शशिभूषण सोनी से चर्चा करते हुए बताया कि नव-प्रवेशी भैया-बहिनों को तीन माह तक सभी कक्षाओं में निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी । यह पहल शिक्षा के पथ पर अग्रसर नव प्रवेशी भैया-बहिनों को तीन माह तक सभी कक्षाओं में निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी । यह पहल शिक्षा के प्रचार-प्रसार और संस्कार युक्त शिक्षा के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं । इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार पाण्डेय, विद्यालय परिवार , अभिभावक गण, शिक्षक गण एवं स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रहेंगी । विद्यालय प्रबंधन ने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया हैं कि वे अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए इस शुभ अवसर का लाभ उठाएं ।