महाराष्ट्र के दिग्गज राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्यारों को लेकर मुंबई पुलिस ने नए खुलासे किए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बाबा सिद्दीकी को मारने की प्लानिंग पुणे में तीन महीने पहले से ही शुरू हो गई थी। हत्यारों ने यूट्यूब से गोली चलाना सीखा और उनकी स्नैपटचैट और इंस्टाग्राम पर ही आपस में बातचीत होती थी। मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम सिद्दीकी मर्डर केस में चार लोगों को अरेस्ट कर चुकी है। चारों की 21 अक्टूबर तक पुलिस के पास कस्टडी है।
बीते शनिवार को एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को मारने आए शूटरों गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप ने छह राउंड फायर किया था। अस्पताल ले जाते वक्त सिद्दीकी की मौत हो गई थी। फायरिंग के कुछ घंटों बाद ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था। सूत्रों ने बताया कि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वे किस स्थान पर अभ्यास करते थे, लेकिन यह पता लगा है कि वे यूट्यूब पर शूटिंग की प्रैक्टिस किया करते थे।
पुलिस ने बताया कि प्रवीण और शुभम लोनकर ने शूटरों गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप को 2 लाख रुपये दिए थे और यह पैसा चौथे आरोपी हरीश के जरिए भेजा गया था। हत्याकांड में तीसरा संदिग्ध शूटर शिवा गौतम अभी भी फरार है, उसकी तलाश की जा रही है। हरीश और कश्यप उसी गांव के हैं, जहां वांछित आरोपी गौतम रहता है।
तीन महीने पहले हुई हत्या की प्लानिंग
मुंबई पुलिस ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश लगभग तीन महीने पहले शुरू हुई थी और आरोपी कई बार बिना हथियारों के उनके घर के पास भी पहुंचे थे। हत्या की प्लानिंग पुणे में रची गई थी। शूटरों को बाबा सिद्दीकी की तस्वीर भी दी गई थी और बताया गया कि यही टारगेट है। पुलिस ने बताया, “वारदात से 25 दिन पहले घर और दफ्तर की रेकी भी की गई थी।”
इंस्टाग्राम पर कॉलिंग
पैसों के अलावा शूटरों को दो मोबाइल फोन भी मुहैया कराए गए थे। पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपी चैटिंग के लिए स्नैपचैट ऐप और कॉलिंग के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते थे।