Thursday, October 30, 2025

*कोरबा जनपद पंचायत में 15वें वित्त की राशि के फर्जी प्रस्ताव का मामला, कलेक्टर से शिकायत की गई**

कोरबा जनपद पंचायत में 15वें वित्त की राशि और जनपद विकास निधि से जुड़े विकास कार्यों को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस संबंध में जनपद पंचायत के कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों पर बैठक के बाद फर्जी प्रस्तावों को अनुमोदित करने का आरोप लगाया गया है। इस मुद्दे को लेकर कलेक्टर कोरबा को लिखित शिकायत दी गई है, जिसमें जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, और कुछ ठेकेदारों की मिलीभगत का आरोप है।

शिकायत के अनुसार, जनपद पंचायत कोरबा में 2 सितंबर 2024 को हुई सामान्य सभा की बैठक में सत्र 2024-25 के जनपद विकास निधि और 15वें वित्त की राशि से सम्बंधित विकास कार्यों का अनुमोदन किया गया था। बैठक के बाद, कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों ने फर्जी तरीके से बैठक पंजी में बदलाव करते हुए लाखों के विकास कार्यों को बिना किसी बैठक या मंजूरी के ही दर्ज कर दिया।

शिकायत में जनपद अध्यक्ष हरेश कंवर, उपाध्यक्ष नंद कुमार कंवर, और ठेकेदार आशीष गांगुली (जो रामपुर विधायक प्रतिनिधि भी हैं), किशन कोसले और बाबू ओम प्रकाश राठौर पर मिलीभगत कर यह फर्जी प्रस्ताव तैयार करने का आरोप है। बताया गया है कि इन लोगों ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इंदिरा भगत पर भी दबाव डाला कि वह इन फर्जी प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करें। जब इंदिरा भगत ने इन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया, तो उनके खिलाफ फर्जी शिकायतें भेजकर उन्हें पद से हटाने की कोशिश की जा रही है।

इस मामले को लेकर जनपद पंचायत में भारी असंतोष है, और स्थानीय लोग भी इस फर्जीवाड़े की निंदा कर रहे हैं। अब जिला प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

देखना यह होगा कि कलेक्टर कोरबा इस गंभीर आरोपों पर क्या कदम उठाते हैं और जनपद पंचायत में पारदर्शिता और सत्यता बनाए रखने के लिए क्या कार्यवाही की जाती है।

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