कोरबा/29.11.2024/ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने आज जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से सबंधित प्रस्तुत 24 प्रकरणों पर जन सुनवाई की छत्तीसगढ़ महिलाले आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के अध्यक्षता में आज प्रदेशवाक्षर 291 वीं एवं कोरबा जिलें में 9 वीं सुनवाई हुई।
कोरबा क्षेत्र की गरीब महिलाओं से ठगी करने वाले फ्लोरमैक्स कंपनी के खिलाफ सभी महिलाओं की शिकायत आयोग के द्वारा व्यापक स्तर पर लिया जाएगा, इस मामले को कोरबा जिले के पत्रकारों के सामूहिक प्रस्ताव पर आयोग ने स्वत संज्ञान में लिया और स्वत संज्ञान के ऑर्डर शीट्स की कॉपी को कलेक्टर कोरबा को दिया गया और यह भी कहा गया कि इसमें राज्य महिला आयोग की दो सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया व श्रीमती लक्ष्मी वर्मा द्वारा कैंप लगाकर पीड़ित महिलाओं की शिकायत आवेदन कोरबा मुख्यालय पर लिया जाएगा। जिसकी व्यवस्था कलेक्टर कोरबा के द्वारा किया जाएगा कलेक्टर महोदय के द्वारा आश्वासन दिया गया कि वह प्रशासनिक व्यवस्था के तहत शासन से अनुमति लेकर सहयोग करेंगे।
आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका का बेटा मृत्यू हो गयी हैं और अनावेदिका उसकी विधवा पत्नि हैं। अनावेदक का 04 साल का बेटा हैं। आवेदिका के बेटे की मृत्यू के पश्चात अनावेदिका को उसके पति का नौकरी मिला है दोनों पक्षों के बिच लिखित इकरारनामा भी किया गया हैं कि आवेदिका अपने पोते से मिल सकेगी। उभयपक्ष को समझाईश देने पर आवेदिका ने आयोग के समक्ष अपने बेटे को उसके दादी-दादा से हप्ते में 02 दिन शनिवार और रविवार को भेजना स्वीकार किया हैं। इस बात के लिये दोनों पक्षों के बिच कोई भी विवाद नहीं होगा महिला आयोग के समझाईस पर दोनों परिवार आपस में जुड़कर रहेंगें प्रकरण सखी सेंटर ०१ वर्ष तक निगरानी करेगी इस निर्देश के साथ आयोग में नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में अनावेदक क्रमांक 01 द्वारा उच्च्च न्यायालय बिलासपुर का आदेश दिनांक 05.05 2023 को आयोग में प्रसतुत किया गया था। जिसमें अनावेदक को बी.आर.सी. पद से हटाकर अन्यत्र भेजे जाने पर स्थगन मांगा था। लेकिन मान उच्च न्यायलय में उसे स्थगन नहीं देकर केवल यथास्थिति का आदेश दिया था। अर्थात इस प्रकरण पर कहीं कोई लाभ अनावेदक को नहीं मिल सकता हैं। लेकिन इस प्रकरण में आवेदिका मान उच्च न्यायालय में उसके दून्भिक्ता के माध्यम से उपस्थित हो चुकी हैं और आवेदिका की शिकायत पर अबतक आंतरिक परिवाद समिति से कार्यवाही नहीं किया हैं इसकी पुष्टि जिला शिक्षा अधीकारी कोरबा के पत्र दिनांक 27.11.2024 से होती हैं। अबतक अवेदिका की अनावेदक क्रमांक 01 ओ 02 के खिलाफ शिकायत पर जाँच अपूर्ण हैं। ऐसी दशा में आयोग के द्वारा आवेदिका को समझाईश दिया जाता हैं कि वह इन सभी बिन्दुओं को मान. उच्च न्यायालय के समक्ष अपने वकील के माध्यम से प्रस्तुत करेंगें। 02 साल बाद भी अबतक अनावेदकगण के विरूद्ध आंतरिक परिवार समिति कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने पक्रिया का पालन नहीं किया हैं। जिससे कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीडन कानून 2013 का उद्देश्य अधूरा हैं। आवेदिका को अबतक न्याय नहीं मिला है