Tuesday, October 21, 2025

मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में बड़ा कदम – अपार आईडी अभियान हुआ तेज

जांजगीर-चांपा, 15 अक्टूबर 2025/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी स्कूली विद्यार्थियों के शत प्रतिशत अपार आईडी बनाए जाने, स्कूलों में ड्राप आउट कम करने, वहीं ग्रास इनरोलमेंट रेशियो को बढ़ाकर शत प्रतिशत करने के निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे के निर्देशन में जिले में पिछले 6 माह से अपार आईडी को लेकर सतत रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है। अब तक जिले में 79.7 प्रतिशत विद्यार्थियों का अपार आईडी (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) बनाया जा चुका है। साथ ही जिले में वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी पहल के तहत अपार आईडी निर्माण कार्य तेजी से जारी है। कलेक्टर ने इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही या कोताही बरतने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार अब तक जिले के कुल 2,24,499 विद्यार्थियों में से 1,78,984 विद्यार्थियों की अपार आईडी बन चुकी है, जो लगभग 79.7 प्रतिशत है। इस उपलब्धि के साथ जिला राज्य स्तर पर आठवें स्थान पर पहुंच गया है। कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे ने शिक्षा विभाग को नियमित रूप से शतप्रतिशत विद्यार्थियों का अपार आईडी बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। जिले के विकासखंड अकालतरा में 79.5 प्रतिशत, बलौदा में 80.2 प्रतिशत, बम्हनीडीह में 84.3 प्रतिशत, नवागढ़ में 77.1 प्रतिशत और पामगढ़ में 79.7 प्रतिशत विद्यार्थियों की अपार आईडी तैयार हो चुकी है। जिले में 467 विद्यार्थियों के लिए अपार निर्माण का रिक्वेस्ट पोर्टल पर दर्ज, 1122 विद्यार्थियों की आईडी रिजेक्ट, जबकि 43,926 विद्यार्थियों की अपार आईडी निर्माण हेतु रिक्वेस्ट अभी नहीं की गई है।
उल्लेखनीय है कि अपार यानी स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री है। यह भारत सरकार की एक डिजिटल पहल है, जिसके माध्यम से प्रत्येक छात्र को 12 अंकों की एक स्थायी डिजिटल पहचान संख्या दी जा रही है। इस पहचान के माध्यम से छात्रों के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड जैसे मार्कशीट, प्रमाणपत्र, डिग्री और उपलब्धियां एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखी जाती हैं। अपार निर्माण में आने वाली प्रमुख कठिनाइयों में बच्चों के आधार कार्ड का न होना, बायोमेट्रिक अपडेट न होना, जन्म प्रमाणपत्र में त्रुटियाँ तथा अभिभावकों की उदासीनता प्रमुख कारण हैं। शिक्षा विभाग द्वारा आधार सुधार, डेटा सत्यापन और अभिभावक सहमति पत्र प्राप्त करने हेतु मेगा पीटीएम और मेगा पीआईएम कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि जिले में शत-प्रतिशत विद्यार्थियों की अपार आईडी निर्माण का लक्ष्य शीघ्र पूरा किया जा सके।

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