⏩ पुलिस अधीक्षक जांजगीर -चाम्पा श्री विजय कुमार पाण्डेय (IPS) के निर्देशन में तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार कश्यप के कुशल मार्गदर्शन में जांजगीर -चाम्पा पुलिस द्वारा साइबरफ्रॉड, युवाओं में बढ़ते नशा सेवन की प्रवृत्ति एवं सड़क दुर्घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए उचित बचाव के लिए जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री उदयन बेहार के नेतृत्व में यातायात जन- जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसी क्रम में दिनांक 29.07.2025 को यातायात पुलिस द्वारा थाना पामगढ़ क्षेत्र के ज्ञान ज्योति हायर सेकेंडरी स्कूल पामगढ़ में यातायात नियमों के संबंध में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
⏩ निरीक्षक लालन पटेल यातायात जांजगीर द्वारा कार्यक्रम के दौरान उपस्थित 300 शिक्षकगणों एवं छात्र/छात्राओं को यातायात नियमों, नशा मुक्ति, साइबर फ्रॉड के संबंध में विस्तृत जानकारी दे कर जागरूक किया गया। “राहवीर योजना” के बारे में बताया गया कि यह एक स्वैच्छिक नागरिक सहायता कार्यक्रम है। इसमें कोई भी आम व्यक्ति जो दुर्घटना के बाद घायल को सुरक्षित नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाता है, उसे 25 हजार रूपए तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। योजना का यह भी उद्देश्य है कि ऐसे नागरिकों को किसी तरह की कानूनी कर्रवाही या पूछताछ का सामना न करना पड़े।
ज्यादातर लोगों को सड़क संकेतो की जानकारी नहीं होती है। लोगों के मन में प्रश्न भी रहता होगा कि सड़कों के ये संकेत अलग अलग तरह के रंग और आकार में क्यों होते है? जिसके बारे में विस्तार से समझाने के लिए चल चित्रों का प्रयोग किया गया। वीडियो में न केवल लोगों को सड़क संकेतों के बारे में सरलता से संक्षिप्त में समझाने का प्रयास किया गया है साथ ही अनेक संकेतों की जानकारी भी दिया गया है। सड़क संकेतों के प्रति जागरूक होने और पालन को प्रेरित करने के लिए प्रश्न भी किया गया है जिससे लोग प्रेरित हो की ज्यादा से ज्यादा सड़क संकेतों के बारे में जानकारी रखें, पालन करें और दुर्घटनाओं से बचें। यह केवल एक जागरूकता वीडियो नहीं है बल्कि सबके लिए एक
प्रश्न है– कि हम क्या और कितना जानते है?
परीक्षा है – की हम सड़क संकेतों को कितना जानते और समझते है?
प्रेरणा है– की हमे ज्यादा से ज्यादा सड़क संकेतों को जानना, समझना और पालन करना है और अगर नहीं जानते है तो जानने के लिए प्रयास करना है।
⏩ जन जागरूकता कार्यक्रम का सफल संचालन निरीक्षक लालन पटेल एवं आरक्षक चंद्र शेखर ओग्रे, पुरुषोत्तम राजपूत, नगर सैनिक प्रेम रत्नाकर, स्कूल के प्राचार्य दिलीप सुमन एवं इनके स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।