कोरबा : छत्तीसगढ़ राज्य में एक बेहद दुर्लभ और विलुप्त प्रायः जीव किंग कोबरा पर दूरगामी संरक्षण प्रयास किए जा रहे हैं। कोरबा वन मंडल के मार्गदर्शन में नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा पूरे कोरबा में इस दुर्लभ जीव पर अध्ययन किया जा रहा है। इस दिशा में संस्था द्वारा स्थानीय लोगों को साथ लेकर इस जीव के संरक्षण पर काम किया जा रहा है।
इसी बीच कोरबा के कोरकोमा गांव से सूचना मिली कि एक घर के आंगन एक विशालकाय किंग कोबरा बैठा हुआ है। इसके बाद इसकी जानकारी कोरबा वनमंडलाधिकारी अरविंद पी एम को दी गई। उनके निर्देशानुसार उप वनमंडालाधिकारी आशीष खेलवार के मार्गदर्शन में वन विभाग के टीम के साथ घटनास्थल में इकट्ठा भीड़ को दूर किया गया। फिर बड़ी सावधानी से आंगन मे बैठे किंग कोबरा को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इसके बाद मानक प्रचालन के अनुसार हुक और बैग पद्धति से इसका रेस्क्यू किया गया, तब जाकर गांव वालों ने राहत भरी सांस ली। फिर उसे वन विभाग की उपस्थिति में प्राकृतिक रहवास जंगल में छोड़ा गया।
नोवा नेचर टीम के अध्यक्ष एम सूरज ने बताया हम किंग कोबरा संरक्षण में पिछले कुछ सालों से कोरबा में काम कर रहे हैं, जिसमें यह पाया गया कि लोग इतने बड़े सांप को देखकर डर जाते हैं पर मारते नहीं, बल्की बचाने का प्रयास करते हैं। इसी कड़ी में हम पूरे कोरबा में रिस्पॉन्स टीम तैयार कर किंग कोबरा को बचाने में लगे हुए हैं। जितेंद्र सारथी ने बताया यह कोरबा जिले के साथ पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय हैं कि हमारे राज्य में दुनियां का दुर्लभ और विशालकाय किंग कोबरा पाया जाता है, जिसको बचाने में हम लागतार प्रयास रथ हैं। इसको बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। साथ ही लोगों को जागरूक करना होगा।