Thursday, October 23, 2025

सुशीला हो या मूलको बाई,तेंदूपत्ता के बढ़े दाम ने संग्राहकों में खुशियां जगाई

कोरबा 11 मई 2025/ इन दिनों सूरज की धूप बहुत तेज है। गाँव के अनेक तालाब में पानी कम है। खेत सूखे हुए हैं। दोपहर को भले ही गलियों में सन्नाटा पसरा है, फिर भी गाँव के उन अनगिनत लोगों में उत्साह है जो इन दिनों तेंदूपत्ता का संग्रहण करते हैं। उनका उत्साह सुबह से लेकर देर शाम तक है। आसपास के जंगलों में तेंदूपत्ता तोड़ाई करते ग्रामीण, गठरी या बोरे में बांधकर घर लौटते ग्रामीण या फिर घर की डेहरी, परछियो में एकजुट होकर तेंदू के पत्ते को बंडल बनाकर जमाते हुए, गाँव के किसी खुली जगह में फड प्रभारी की उपस्थिति में इन तेंदूपत्ता के गड्डी को एकबारगी क्रम से सजाते हुए अनायास नजर आ रहे हैं। गाँव के बच्चे, महिलाएं, युवा, बुजुर्ग सभी इस काम में लगे हुए हैं। उन्हें खुशी है कि इस हरे सोने के दाम बढ़ने से उनकी आमदनी भी बढ़ेगी और जितना ज्यादा संग्रहण होगा उतना ही अधिक राशि उन्हें मिलेगी। संग्रहणकर्ताओं में खुशी है कि अब तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा का दाम 4 हजार से 5500 रुपये प्रति मानक बोरा कर दिया गया है।

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