Monday, June 23, 2025

बांग्लादेशी घुसपैठियों का बड़ा खुलासा: फर्जी दस्तावेजों के जरिए रह रहे थे दंपत्ति, पुलिस को मिले अहम सुराग

रायपुर : राजधानी रायपुर में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। टिकरापारा थाना पुलिस ने एक बांग्लादेशी दंपत्ति को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। अब इस मामले में पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। पुलिस और एटीएस (Anti-Terrorism Squad) की संयुक्त पूछताछ में यह सामने आया है कि रायपुर में बांग्लादेश से आए और भी लोग रह रहे हैं, जिनकी जांच अब तेज़ कर दी गई है।

फर्जी दस्तावेजों से बनाई थी पहचान, 35 साल की उम्र में बनवाई थी आठवीं की मार्कशीट
गिरफ्तार बांग्लादेशी युवक मो. दिलावर और उसकी पत्नी ने भारत में अवैध रूप से बसने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया। पूछताछ में यह सामने आया कि दिलावर ने 35 साल की उम्र में खुद को छात्र बताकर कक्षा आठवीं की फर्जी मार्कशीट बनवाई थी। यह मार्कशीट रीवा (मध्य प्रदेश) के चाकघाट स्थित एक प्राइवेट स्कूल के नाम पर बनवाई गई थी। हालांकि जब पुलिस की एक टीम रीवा जाकर चाकघाट पहुंची, तो पाया कि वहां उस नाम का कोई भी प्राइवेट स्कूल अस्तित्व में नहीं है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि मार्कशीट पूरी तरह से फर्जी और बनावटी है, जिसे दस्तावेज़ी पहचान के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।
ATS और थाना पुलिस की संयुक्त पूछताछ, दस्तावेजों की गहन जांच
गिरफ्तार दंपत्ति की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें फिर से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इससे पहले पुलिस और ATS अधिकारियों ने आरोपियों से गहन पूछताछ की। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कुछ और बांग्लादेशी नागरिकों के नाम और लोकेशन बताए जो रायपुर के अलग-अलग इलाकों में छिपकर रह रहे हैं। इस इनपुट के आधार पर पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है और टिकरापारा थाना समेत अन्य संबंधित थानों में बांग्लादेशी नागरिकों के दस्तावेजों की जांच चल रही है। पूछताछ में मिले सुरागों से यह भी संकेत मिले हैं कि इन लोगों ने राशन कार्ड, आधार कार्ड, स्कूल प्रमाणपत्र जैसे कई फर्जी दस्तावेज बनवा रखे हैं, जिनका उपयोग वे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और पहचान छिपाने में कर रहे थे।
पुलिस की आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई की संभावना
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिसके आधार पर आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए घुसपैठ, जालसाजी, फर्जीवाड़ा, और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के नजरिए से जांच कर रही हैं।
सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
बांग्लादेशी नागरिकों का इस प्रकार फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में प्रवेश कर रहना न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद चिंताजनक है। पुलिस और प्रशासन अब इस मामले में गहराई से जांच कर रही है ताकि ऐसे नेटवर्क को तोड़ा जा सके जो इन अवैध घुसपैठियों की भारत में एंट्री और बसने की व्यवस्था करता है। चूंकि एफआईआर टिकरापारा थाने में दर्ज की गई है, इसलिए जांच की मुख्य कमान इसी थाने के पास है। थाना प्रभारी समेत अन्य जांच अधिकारी हर पहलू पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं और दस्तावेजों की सत्यता की जांच के लिए दूसरे राज्यों की एजेंसियों से भी समन्वय किया जा रहा है।
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