नई दिल्ली/इस्लामाबाद। ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों भारी नुकसान झेलने के बाद पाकिस्तान अब कश्मीर विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश कर रहा है। इस्लामाबाद ने कश्मीर विवाद के समाधान के लिए अमेरिका या किसी अन्य देश से मध्यस्थता की इच्छा जाहिर की है।
पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता शफकत अली खान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कश्मीर विवाद को हल करने के लिए यदि अमेरिका या कोई अन्य देश मदद करना चाहता है तो पाकिस्तान उसका स्वागत करेगा। उन्होंने कश्मीर मुद्दे को दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा से जुड़ा मूल विषय बताया।
हालांकि, भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और इस पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है। भारत 1972 के शिमला समझौते का हवाला देते हुए पाकिस्तान के साथ सभी विवादों को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाने पर जोर देता है। इस समझौते में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्पष्ट रूप से खारिज किया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश है, जबकि भारत का रुख साफ है कि कश्मीर मुद्दे पर कोई बाहरी दखलंदाजी नहीं होगी।