Tuesday, October 14, 2025

पाकिस्तान का साथ देकर तुर्की भारत की नाराज़गी की फ़िक्र क्यों नहीं करता है?

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष के दौरान तुर्की ने एक बार फिर खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा – “पाकिस्तान, तुर्की दोस्ती ज़िंदाबाद!” उनके इस बयान पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने धन्यवाद देते हुए आभार जताया।

अर्दोआन ने न केवल पाकिस्तान के पक्ष में पोस्ट किया बल्कि 9 मई को उन्होंने पाकिस्तान के लोगों को भाई बताते हुए उनके लिए दुआ की अपील की थी। साथ ही पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की पाकिस्तान की मांग का भी समर्थन किया।

जानकारी के मुताबिक, संघर्ष के दौरान तुर्की की ओर से कुछ गतिविधियों ने भारत का ध्यान खींचा। टर्किश एयरफोर्स का सी-130 जेट पाकिस्तान में लैंड हुआ, जिसे तुर्की ने केवल ईंधन भरने का कारण बताया। इसी तरह तुर्की का युद्धपोत कराची पोर्ट पर भी मौजूद था, जिसे आपसी सहयोग और सद्भाव से जोड़ा गया।

भारत ने आरोप लगाया था कि 8 मई को पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर ड्रोन से हमला किया, जिनमें तुर्की निर्मित सोनगार ड्रोन्स का इस्तेमाल हुआ। हालांकि पाकिस्तान ने इस आरोप को नकार दिया। सोनगार ड्रोन्स तुर्की की डिफ़ेंस कंपनी आसिसगॉर्ड द्वारा विकसित किए गए हैं और ये हथियार ले जाने में सक्षम यूएवी (मानवरहित हवाई वाहन) हैं।

इस पूरे संघर्ष के दौरान पश्चिम एशिया के देशों में तुर्की ही अकेला ऐसा देश था जो खुलकर पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा। खाड़ी के बाकी देशों ने पाकिस्तान को खुला समर्थन देने से परहेज किया।

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