कोरबा। देश की शान कहे जाने वाले बालको एल्यूमिनियम प्लांट में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया। प्लांट परिसर में करीब 20 साल पुराने राख फिल्टर (Electrostatic Precipitator – ESP) का संयंत्र अचानक भरभराकर गिर गया। हालांकि गनीमत रही कि इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
जानकारी के अनुसार, इस ईएसपी का निर्माण सेपको कंपनी द्वारा वर्ष 2004-05 में कराया गया था। हादसे के बाद एक बार फिर से सुरक्षा मानकों और प्लांट प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल उठ गए हैं।
विशेषज्ञों और कर्मचारियों का कहना है कि इससे पहले भी बालको प्लांट में चिमनी गिरने की घटना हो चुकी है, लेकिन प्रबंधन ने इससे कोई सबक नहीं लिया। लगातार हो रहे ऐसे हादसे न केवल श्रमिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि श्रम विभाग की लापरवाही को भी उजागर कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही रायपुर स्थित गोदावरी पावर प्लांट (हीरा ग्रुप) में हुए हादसे में छह श्रमिकों की मौत हो चुकी है। स्थानीय कर्मचारियों का कहना है कि उद्योगपतियों के दबाव में श्रम विभाग केवल खानापूर्ति कर रहा है, जबकि संयंत्रों में सुरक्षा नियमों की लगातार अनदेखी की जा रही है।
प्लांट कर्मियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने के बावजूद, बालको प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।