दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुँच बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में देश भर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (KV) खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर सरकार अगले नौ वर्षों में ₹5,862 करोड़ से अधिक खर्च करेगी।
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इन 57 विद्यालयों के अलावा, शिक्षा मंत्रालय ने 7 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए विशेष प्रस्ताव भी मांगे हैं।
देशभर में 57 नए KV को मंजूरी, बिहार को सर्वाधिक लाभ
मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित 57 नए केंद्रीय विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करना और छात्रों को सस्ती, उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है।
- छात्रों को लाभ: इन 57 विद्यालयों के खुलने से देश भर के 86,640 से अधिक छात्रों को फायदा मिलेगा।
- रोजगार सृजन: अनुमान है कि इन नए स्कूलों में 4,600 से अधिक स्थायी रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- बिहार को सौगात: इन 57 स्कूलों में से 19 केंद्रीय विद्यालय अकेले बिहार के विभिन्न जिलों में स्थापित किए जाएंगे, जिनमें कई आकांक्षी जिले शामिल हैं।
7 विशेष केंद्रीय विद्यालयों के लिए प्रस्ताव क्यों मांगे गए?
नए विद्यालयों को खोलने की यह पहल दो चरणों में की जा रही है। 57 स्कूलों को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 7 अन्य केंद्रीय विद्यालयों के लिए प्रस्ताव मंगाए गए हैं।
- विशेष श्रेणियां: 57 स्वीकृत स्कूलों में से 7 विद्यालय गृह मंत्रालय के अधीन होंगे, जबकि शेष 50 विद्यालय राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्ताव पर सिविल क्षेत्र के अंतर्गत खोले जाएंगे।
- गृह मंत्रालय के प्रस्ताव: गृह मंत्रालय (MHA) या अन्य रक्षा/सुरक्षा प्रतिष्ठानों के प्रस्ताव पर स्कूल खोलने के लिए विशेष मानदंडों की आवश्यकता होती है, इसीलिए उनके लिए अलग से प्रस्ताव मंगाए गए हैं।
- नए जिलों पर फोकस: नए स्वीकृत 20 विद्यालय ऐसे जिलों में खोले जाएंगे, जहां केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या अधिक होने के बावजूद अभी तक कोई KV मौजूद नहीं है।
यह विस्तार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है और केंद्रीय विद्यालयों में ‘बाल वाटिका’ (प्री-प्राइमरी) के तीन वर्ष के पाठ्यक्रम को भी शामिल किया गया है।