Thursday, November 13, 2025

Bijapur Hospital Cataract Case : मोतियाबिंद सर्जरी के बाद इन्फेक्शन का कहर, बीजापुर के 9 मरीज रायपुर मेकाहारा में भर्ती

Bijapur Hospital Cataract Case : रायपुर/बीजापुर | 12 नवंबर 2025| छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिला अस्पताल में मोतियाबिंद (Cataract) सर्जरी के बाद बड़ा मामला सामने आया है। अस्पताल में ऑपरेशन करवाने वाले 9 मरीजों की आंखों में गंभीर इन्फेक्शन हो गया, जिसके कारण उनकी रोशनी कम हो गई और आंखों में सूजन व धुंधलापन की शिकायत है। सभी मरीजों को बेहतर इलाज के लिए रायपुर के मेकाहारा अस्पताल (Mekahara Hospital) में भर्ती कराया गया है।

कलेक्टर ने गढ़ उपरोड़ा में ग्रामीणों से सीधे सुनी समस्याएँ

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, 8 मरीजों का ऑपरेशन 24 अक्टूबर को और एक मरीज का ऑपरेशन 8 नवंबर को किया गया था। कुछ दिनों बाद सभी मरीजों को आंखों में दर्द, सूजन और दृष्टि धुंधली होने की समस्या होने लगी। जब वे दोबारा बीजापुर जिला अस्पताल पहुंचे, तो जांच के बाद प्रशासन ने तुरंत उन्हें रायपुर रेफर किया।

प्रभावित मरीजों की सूची

  1. अवलम डोग्गा (56) — तर्रेम

  2. पुनेम जिम्मो (62) — टीमापुर

  3. मडियम मासे (67) — टीमापुर

  4. अलवम कोवे (52) — तर्रेम

  5. अलवम पोज्जे (70) — टीमापुर

  6. बुधनी डोढ़ी (60) — बीजापुर

  7. पदम शंता (54) — बीजापुर

  8. पेड्डू लक्ष्मी (62) — टिमीदी

  9. अलवम सोमे (70) — तर्रेम

अस्पताल प्रशासन का बयान

मेकाहारा के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि मरीजों की आंखों में ऑपरेशन के बाद इन्फेक्शन हुआ है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि गलती डॉक्टरों की ओर से हुई या मरीजों की ओर से पोस्ट-ऑपरेटिव केयर में लापरवाही हुई।उनका कहना है कि “इन्फेक्शन कई कारणों से फैल सकता है — जैसे उपकरणों की सफाई, सर्जरी वातावरण, या मरीजों की देखभाल में कमी।”

जांच टीम गठित

मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की है। यह टीम 3 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट में ऑपरेशन थिएटर की स्थिति, उपकरणों की स्टरलाइजेशन प्रक्रिया और सर्जन टीम की भूमिका की विस्तृत जांच की जाएगी।

एक साल पहले भी हुआ था ऐसा मामला

यह पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद मरीजों को परेशानी हुई हो।2024 में दंतेवाड़ा में भी इसी तरह की घटना में 10 आदिवासी बुजुर्गों की आंखों की रोशनी चली गई थी। उस समय सर्जन डॉ. गीता नेताम, स्टाफ नर्स ममता वेदे और नेत्र सहायक अधिकारी दीप्ति टोप्पो को सस्पेंड किया गया था।

स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता पर सवाल

लगातार दूसरे साल सरकारी अस्पताल में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद मरीजों की आंखों में इन्फेक्शन के मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की निगरानी पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में मुफ्त ऑपरेशन कैंप्स की गुणवत्ता और पोस्ट-ऑपरेटिव केयर की प्रक्रिया की समीक्षा की मांग उठने लगी है।

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