Newborn baby in the forest : जगदलपुर। बस्तर जिले से एक बार फिर समाज को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने मां की ममता और मां की छवि दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। करपावंड थाना क्षेत्र के ग्राम पाथरी (पार्वतीपुर) में एक निर्दयी मां ने अपने नवजात शिशु को जंगल में फेंक दिया। लेकिन कहावत ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’ इस घटना में चरितार्थ हुई और बच्चा सुरक्षित मिल गया।
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झाड़ियों में रो रहा था मासूम
1 दिसंबर की सुबह गांव का एक युवक लकड़ी बीनने जंगल गया था। इसी दौरान उसकी नजर झाड़ियों में रोते हुए एक नवजात लड़के पर पड़ी। यह दृश्य देखकर वह घबरा गया और तुरंत गांव लौटकर परिजनों को जानकारी दी। सूचना मिलते ही परिजन और गांव के अन्य लोग मौके पर पहुंचे और बच्चे को बाहर निकाला।
डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में जारी है उपचार
गंभीर हालत में मिले नवजात को तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल, डिमरापाल ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार बच्चे की स्थिति अब स्थिर है और उसका उपचार जारी है।
पुलिस कर रही जांच
घटना की जानकारी करपावंड पुलिस को दे दी गई है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि किसने नवजात को जंगल में छोड़ने जैसा अमानवीय कदम उठाया।
ग्रामीणों की जागरूकता ने बचाई जान
अगर युवक समय रहते नवजात पर नजर न डालता, तो स्थिति और भयावह हो सकती थी। ग्रामीणों की संवेदनशीलता और त्वरित मदद से बच्चे की जान बच पाई है।



