छत्तीसगढ़ में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होना है, जिसके चलते भाजपा कांग्रेस सभी दलों के नेता चुनावी मोड पर आ चुके हैं। जहां विपक्ष में बैठी भाजपा सत्ता में वापसी के लिए छटपटा रही है तो दूसरी ओर सत्ता में बैठी सरकार भी सभी वर्गों को साधने में लगी हुई है। लेकिन एक वर्ग ऐसा है, जिनकी मांगों पर अब तक सरकार ने गंभीरता से विचार नहीं किया है। जी हां कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, जिसमें से एक डीए बढ़ोतरी की मांग है। वहीं, अब सरकार की ओर से मांग पूरी नहीं किए जाने पर कर्मचारी आंदोलन की राह पकड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसी वजह से राज्य के सरकारी कर्मचारियों ने सात जुलाई से आंदोलन पर जाने की घोषणा कर रखी है। कर्मचारियों की पांच सूत्रीय मांगों पहला डीए में वृध्दि है।
देखा जाए तो प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के डीए में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी अक्टूर 2022 में की थी, जिसके बाद अबउन्हें 33 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है। जबकि पड़ोसी राज्यों के सरकारी कर्मचारियों को अब 42 प्रतिशत डीए मिल रहा है। वहीं, जुलाई में एक बार फिर डीए में बढ़ोतरी किया जाना है।
मानसून सत्र में मिल सकती है सौगात
बताया जा रहा है कि सरकार डीए को लेकर गंभीर है। वजह यह है कि कर्मचारियों ने आंदोलन का नोटिस दे रखा है। दूसरे चार महीने बाद विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में सरकार कोई रिस्क लेना नहीं चाह रही है। माना जा रहा है कि 18 तारीख से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र से पहले होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार इसका निर्णय ले सकती और सत्र के दौरान इसकी घोषणा की जा सकती है।
फिलहाल प्रदेश सरकार एक बार में डीए कितना बढ़ाएगी अभी यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि न्यूनतम पांच प्रतिशत तक बढ़ोतरी सरकार कर सकती है। कर्मचारी नेताओं के अनुसार डीए यदि पांच प्रतिशत भी बढ़ा तो यह 38 प्रतिशत हो जाएगा। यह केंद्रीय कर्मियों को मिलने वाले डीए से चार प्रतिशत कम होगा।
इससे पहले प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों का डीए अक्टूबर 2022 में पांच प्रतिशत बढ़ाया गया था। इसके साथ ही सातवां वेतनमान पा रहे कर्मचारियों का डीए 28 से बढ़कर 33 प्रतिशत हो गया। वहीं, छठवां वेतनमान पाने वाले कर्मियों का डीए में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। इससे उनका डीए 189 से बढ़कर 201 प्रतिशत हो गया।