Monday, July 7, 2025

ध्वनि प्रदूषण पर HC ने CS से मांगा शपथपत्र:छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई, डीजे और प्रेशर हॉर्न पर हाईकोर्ट सख्त

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डीजे के बाद अब प्रेशर हॉर्न और बिना साइलेंसर वाले वाहन समेत अन्य ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती दिखाई है। डीजे के साथ गाड़ियों में ध्वनि प्रदूषण को रोकने सरकार के कामों पर हाईकोर्ट ने शपथपत्र मांगा है। इस केस की सुनवाई 20 नवंबर को होगी।

दरअसल, डीजे के शोर से आम लोगों को हो रही परेशानियों को लेकर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेकर जनहित के मसले पर सुनवाई शुरू की है। इसमें पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र के साथ जवाब देने के लिए कहा था। हाईकोर्ट के इस सख्त रवैए को देखते हुए राज्य सरकार ने डीजे संचालकों पर कार्रवाई करने के लिए अभियान चलाया।

इसके साथ ही डीजे के रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। इधर, छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने ध्वनि प्रदूषण को लेकर भी हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

कानफोड़ू डीजे पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है।
कानफोड़ू डीजे पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है।

साथ ही बताया है कि ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सरकार ने कार्रवाई करने के लिए नियम बनाए हैं, जिसका पालन नहीं हो पा रहा है। याचिका में ध्वनि प्रदूषण की विभिन्न तस्वीरें भी पेश की गई हैं, जिसमें सभी मानदंडों, नियमों और विनियमों का उल्लंघन करते हुए लाउड स्पीकर के कारण होने वाली परेशानियां शामिल हैं।

गाड़ियों में प्रेशर और कर्कश हॉर्न पर कार्रवाई करने का है नियम

इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि कई बार राज्य शासन को ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए आदेश जारी किया है, जिसका पालन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा भी मोटरव्हीकल एक्ट में भी ऐसे प्रेशर और कर्कश और म्यूजिकल हॉर्न पर कार्रवाई करने का प्रावधान है, लेकिन शासन इसे रोक नहीं पा रहा है।

लोगों की असुविधा और तकलीफों का जिक्र

हस्तक्षेप याचिका में कई ऐसे उदाहरण बताए गए हैं, जो लोगों के लिए असुविधा का कारण बन रहे हैं। जब लोग सड़क पर चलते हैं या जिनके घर सड़क और शॉपिंग सेंटर के किनारे हैं, उनके लिए वाहनों के हॉर्न परेशानी का सबब बन रहे हैं। ऐसे ही बिना साइलेंसर वाले वाहन, दोपहिया वाहन के फर्राटा भरने से लोगों को परेशानियां होती हैं।

हाईकोर्ट ने दिखाई गंभीरता, शासन से मांगा शपथपत्र

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस हस्तक्षेप याचिका को गंभीरता से लिया है। उन्होंने 20 नवंबर तक प्रेशर हॉर्न और बिना साइलेंसर वाले दोपहिया वाहनों द्वारा पैदा किए जा रहे खतरे को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर चीफ सेक्रेटरी को शपथ पत्र पेश करने के लिए कहा है।

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -