AICTE ने दुर्ग के BIT और कोरबा के एक सेमी गवर्नमेंट संस्थान में इंजीनियरिंग की नाइट क्लास शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए अगले शैक्षणिक सत्र से एडमिशन शुरू हो जाएंगे। यहां एडमिशन लेने से इंजीनियर दिन में जॉब पर जाएंगे और रात में इंजीनियरिंग की क्लास करेंगे।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने छत्तीसगढ़ में नौकरीपेशा लोगों को इंजीनियरिंग करने के लिए एक नया प्रयोग किया है। इसका सीधा लाभ भिलाई इस्पात संयंत्र सहित प्रदेश के अन्य संस्थानों में नौकरी करने वालों को मिलेगा। वे लोग इन इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश ले सकेंगे।

दोनों ही संस्थानों ने नाइट कॉलेज के लिए छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय और राज्य तकनीकी शिक्षा संचालनालय से अनुमति के लिए पत्र लिखा था। अगले शैक्षणिक सत्र से कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल और सिविल ब्रांच के साथ इन नाइट कॉलेजों की शुरुआत होगी।

सीधे एंट्री से होगा दाखिला
नाइट कॉलेज में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग की जरूरत नहीं होगी। कॉलेज मेरिट के आधार पर सीधा दाखिला दे सकेंगे। पहले बैच को कुल 10 सीटों पर प्रवेश मिलेगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने यह कोर्स उन्हीं इंजीनियरिंग कॉलेजों में शुरू किया है, जिनके कोर्स एक्रिडिटेशन बोर्ड से मान्यता रखते हैं।
प्रवेश पाने के लिए यह रखे गए हैं मापदंड
जो पेशेवर डिग्री पाठ्यक्रम करना चाहते हैं, उनके पास न्यूनतम एक वर्ष का नियमित पूर्णकालिक कार्य अनुभव होना जरूरी होगा। इसके साथ ही संस्थान से 50 किमी रेडियल दूरी के भीतर स्थित एमएसएमई के अलावा पंजीकृत उद्योग, संगठन (केंद्र/राज्य) या निजी और सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी में काम करने वाले पेशेवर प्रवेश ले सकते हैं।
इस तरह कॉलेजों को सर्वाधिक विद्यार्थी भिलाई इस्पात संयंत्र के जरिए ही मिल जाएंगे। वहीं अन्य उद्योगों के युवा पेशेवर भी शामिल हो सकेंगे। इसके साथ ही संस्थानों को ये कोर्स चलाने कक्षाओं का समय शाम के समय या उद्योग, संगठन के समय के अनुसार सेट करना होगा।
चाहिए होंगे न्यूनतम 10 पेशेवर
एआईसीटीई ने संस्थानों को योग्यता परीक्षा की योग्यता के आधार पर ट्रांसपेरेंट तरीके से योग्य उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट करने के भी निर्देश दिए हैं। कॉलेजों को भेजे गए सर्कुलर में एआईसीटीई ने कहा है कि पाठ्यक्रम में अधिकतम 30 उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जा सकता है, वहीं बैच चलाने के लिए न्यूनतम 10 पेशेवर विद्यार्थियों की जरूरत होगी।
बीआईटी दुर्ग के डायरेक्टर डॉ. अरुण अरोरा ने बताया कि AICTE से नाइट इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। तैयारी चल रही है। अगले सत्र से इसकी कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी