Monday, July 7, 2025

कौन है पपला गुर्जर, जिसे नारनौल कोर्ट ने बरी किया:फौजी की लव स्टोरी में 4 मर्डर; हर गवाह की हत्या,कोर्ट-थाने पर अटैक, जिम ट्रेनर गर्लफ्रेंड

विक्रम उर्फ पपला गुर्जर ने 2014 में अपराध की दुनिया में कदम रखा और इसके बाद कई हत्याएं की या फिर कराई।हरियाणा-राजस्थान के नामी गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को नारनौल कोर्ट ने संदीप उर्फ फौजी मर्डर केस में बरी कर दिया है। संदीप ही वो शख्स था, जिसकी लव-स्टोरी के चलते पपला के गुरु शक्ति गुर्जर उर्फ दूधिया का कत्ल हुआ और इसमें विरोधी चीकू गैंग से मुखबिरी करने का शक संदीप पर था। गुरु की हत्या का बदला लेने के लिए आम पहलवान विक्रम कुछ दिनों में ही खूंखार पपला गुर्जर बन गया।

उसने सबसे पहले संदीप के परिवार को ही टारगेट किया। इसके बाद पपला गुर्जर ने ऐसा आतंक मचाया कि संदीप के मामा महेश को सबसे पहले मारा और फिर एक के बाद एक, 4 हत्याएं की। उसने संदीप के परिवार में हर उस शख्स का मर्डर कर दिया, जो उसके खिलाफ इन हत्याओं में गवाह बना। मामा के बाद उसने संदीप की मां बिमला, फिर खुद संदीप और बाद में नाना श्रीराम को पुलिस सुरक्षा के बावजूद मौत के घाट उतार दिया। आखिर में पपला की दहशत के चलते दोनों परिवारों ने गांव तक छोड़ दिया।

हालांकि 2 साल पहले नारनौल कोर्ट ही पपला गुर्जर को संदीप की मां बिमला के मर्डर केस में उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। फिलहाल वह गुरुग्राम की भोंडसी जेल में सजा काट रहा है। इसके अलावा महेश व श्रीराम मर्डर केस में फैसला आना अभी बाकी है।

संदीप उर्फ फौजी मर्डर केस में पपला की रिहाई पर पुलिस की जांच भी संदेह के घेरे में है। संदीप को गोलियों से भूनने वाले बाइक सवार दो शख्स थे। पुलिस ने पपला गुर्जर के अलावा उन दोनों लोगों को भी गिरफ्तार किया, लेकिन ये दोनों आरोपी भी पहले ही कोर्ट से बरी हो चुके है और अब संदीप हत्याकांड के तीसरे आरोपी पपला गुर्जर को भी नारनौल की एडिशनल सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया है।

विक्रम उर्फ पपला गुर्जर ने 2014 में अपराध की दुनिया में कदम रखा और इसके बाद कई हत्याएं की या फिर कराई।
विक्रम उर्फ पपला गुर्जर ने 2014 में अपराध की दुनिया में कदम रखा और इसके बाद कई हत्याएं की या फिर कराई।

दोनों एक ही गुरु के चेले

हरियाणा के दक्षिण छौर में राजस्थान की सीमा से सटे महेंद्रगढ़ जिले के गांव गांव खैरोली में जन्मा पपला गुर्जर और संदीप उर्फ फौजी एक ही गुरु शक्ति पहलवान के चेले हुआ करते थे। विक्रम गुर्जर गांव के एक अखाड़े में गुरु शक्ति सिंह के पास कुश्ती के दाव पेंच सीख रहा था। वहीं पर संदीप फौजी का भी आना-जाना था। संदीप फौजी विवाहित था, लेकिन उसका किसी लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल गया।

यह बात जब शक्ति सिंह को पता चली तो उसने पंचायत कर संदीप फौजी को अखाड़े में आने से मना कर दिया। इस बात से नाराज संदीप फौजी ने वर्ष 2014 की शुरुआत में ही गुरु शक्ति सिंह की हत्या चीकू गैंग के जरिए करवा दी। इस मर्डर केस में संदीप फौजी को भी नामजद किया गया। जिस पर शक्ति की मुखबिरी करने का शक था। इस हत्या से नाराज विक्रम उर्फ पपला गुर्जर ने मार्च 2014 को संदीप के घर में घुसकर उसकी मां विमला देवी के हाथ पांव तोड़ दिए।

5 सितंबर 2017 को कोर्ट में पेशी के दौरान पपला गुर्जर पुलिस कर्मियों पर हमला कर कोर्ट से भाग गया।
5 सितंबर 2017 को कोर्ट में पेशी के दौरान पपला गुर्जर पुलिस कर्मियों पर हमला कर कोर्ट से भाग गया।

रास्ते में फौजी के मामा को मारा

उस समय संदीप फौजी घर पर नहीं था। संदीप की मां के हाथ पांव तोड़ दिए जाने के बाद इसकी सूचना जब बिमला के भाई बिहारीपुर निवासी महेश व उसके पिता श्रीराम को लगी तो विमला देवी को अस्पताल पहुंचाने के लिए वे आए। उन्होंने खैरोली से बिमला को एंबुलेंस में बैठाया। श्रीराम एंबुलेंस के साथ चल रहा था, जबकि संदीप फौजी का मामा महेश बाइक पर जा रहा था। इसी दौरान पपला गुर्जर के गुर्गों ने गांव गुलावला के पास रास्ते में रोककर संदीप फौजी के मामा महेश को बुरी तरह से पीटा। जिसके कारण उसकी मौत हो गई।

पहले फौजी, फिर 23 गोलियां मार मां का मर्डर
उधर, शक्ति पहलवान की हत्या के मामले में गिरफ्तार संदीप को जमानत मिल गई। जनवरी 2015 में संदीप पेशी पर नारनौल कोर्ट में पहुंचा। वहां कोर्ट से निकलते ही पपला गुर्जर ने अपने गैंग के साथ मिलकर संदीप की हत्या कर दी। इस हत्या के बाद नारनौल सिटी थाने में पपला और उसके साथियों पर मर्डर का दूसरा केस दर्ज हो गया। संदीप मर्डर केस में उसके नाना श्रीराम मुख्य गवाह बने। पुलिस पहले से दर्ज मर्डर के दो मामलों में पपला को तलाश ही रही थी कि उसने 21 अगस्त 2015 को संदीप की मां बिमला को घर में घुसकर गोलियां मार दीं। पपला गुर्जर की हैवानियत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उसने बिमला को 23 गोलियां मारी।

पपला गुर्जर का हथियार के साथ एक फोटो।
पपला गुर्जर का हथियार के साथ एक फोटो।

पुलिस सुरक्षा में श्रीराम हुई हत्या

एक के बाद एक लगातार हो रही हत्याओं के बाद महेन्द्रगढ़ पुलिस ने संदीप के नाना श्रीराम को पुलिस सिक्योरिटी मुहैया करवा दी। इसके बावजूद 16 नवंबर 2015 को पपला गुर्जर ने अपने गैंग के साथ मिलकर बिहारीपुर गांव पर धावा बोला और श्रीराम को उनके घर में घुसकर गोली मार दी। इस वारदात के समय श्रीराम के घर में हथियारों से लैस दो पुलिसवाले मौजूद थे मगर वह कुछ नहीं कर पाए। पुलिस सुरक्षा में होने के बावजूद श्रीराम की हत्या होने से पुलिस की काफी किरकिरी भी हुई।

2 साल में काबू, अगले साल फरार

हत्या के इन सब मामलों में फरार पपला गुर्जर को 12 फरवरी 2016 को सीआईए पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। इसके बाद 5 सितंबर 2017 को कोर्ट में पेशी के दौरान पपला गुर्जर पुलिस कर्मियों पर हमला कर कोर्ट से भाग गया। इसके बाद वह 2 साल तक फरार रहा, लेकिन 2019 को वह राजस्थान के बहरोड़ पुलिस की पकड़ में आ गया।

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