The world’s most polluted cities : सर्दियां शुरू होते ही भारत के कई बड़े शहर वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं। करीब 6 साल पहले चीन के शहर दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित(The world’s most polluted cities) थे। साल 2017 में एयर क्वालिटी ट्रैकर एक्यूएयर की दुनिया के सबसे खराब एयर क्वालिटी के शहरों की लिस्ट में 75 शहर चीन के और भारत के 17 शहर थे।
The world’s most polluted cities

6 साल बाद यह स्थिति बिल्कुल बदल गई है। साल 2022 में 100 सबसे प्रदूषित शहरों में 65 भारत के, जबकि चीन के सिर्फ 16 थे।
चीन ने गाड़ियों और कोल पावर प्लांट की संख्या कम करके हालात सुधार दिए। एक्यूएयर की रिपोर्ट के मुताबिक, 9 नवंबर से पहले के 30 दिनों में दिल्ली में पीएम 2.5 का औसत स्तर बीजिंग से 14 गुना ज्यादा रहा था।
पिछले सप्ताह बीएमजे की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि वायु प्रदूषण की वजह से भारत में हर साल 21 लाख भारतीयों की मौत होती है। यह आंकड़ा 2019 में 16 लाख लोगों का ही था। जून में प्रकाशित वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में मुताबिक, भारत में हर साल बढ़ रहे माइक्रो पार्टिकल्स के कारण देश की जीडीपी को सालाना 0.56% का नुकसान होता है, क्योंकि इससे श्रमिकों की उत्पादकता कम होती है।

करीब एक दशक पहले चीन के कई बड़े शहर एयर पॉल्यूशन से जूझ रहे थे। अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी होने वाले आंकड़ों से वहां की गंभीर स्थिति का खुलासा हुआ। चीन में आम लोगों के प्रदर्शन के बाद 2014 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्वीकार किया कि बीजिंग की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक ‘एयर पॉल्यूशन’ है। फिर चीन ने कई अहम कदम उठाए।
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एयर पॉल्यूशन रोकने के लिए नेशनल लेवल का मेगा एक्शन प्लान बनाया।
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करीब 22.5 लाख करोड़ रु. का इमरजेंसी फंड बनाया प्रदूषण रोकने से लड़ने के लिए।
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बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझोऊ जैसे बड़े शहरों में वाहनों की संख्या की कंट्रोल किया।
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भारी उद्योगों जैसे आयरन और स्टील इंडस्ट्री के लिए प्रदूषण पर कड़े नियम बनाए।
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चीन ने कई कोल पावर प्लांट को बंद किया, साथ ही ऐसे नए बनाने पर भी रोक लगाई।