लोकसभा चुनाव 2024 से पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के लिए गाइडलाइन जारी की है। आयोग ने पार्टियों को इलेक्शन कैंपेन में दिव्यांगों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने पार्टियों से कहा- दिव्यांगों के लिए गूंगा, पागल, सिरफिरा, अंधा, काना, बहरा, लंगड़ा, लूला, अपाहिज जैसे शब्दों का इस्तेमाल न किया जाए। कैंपेन के दौरान नेताओं की स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज में ऐसे शब्दों को इस्तेमाल न हों। अगर इसका उल्लंघन हुआ तो दिव्यांगजन अधिकार एक्ट, 2016 के सेक्शन 92 के तहत 5 साल तक की जेल हो सकती है।
चुनाव आयोग ने दिए ये निर्देश
- पार्टियों को कैंपेन के दौरान स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज को रिव्यू करना होगा।
- पार्टियों को कैंपेन के दौरान स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज को दिव्यांगों के लिए भी जारी करना होगा।
- पार्टियों को कैंपेन के दौरान स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन प्रेस रिलीज समझने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
- पार्टियां को अपनी वेबसाइट पर बताना होगा कि उनकी पार्टी दिव्यांगों को भी सामान्य लोगों की तरह सम्मान से देती है।
- पार्टियों को अपने कार्यकर्ताओं को दिव्यांगों से संपर्क करने के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल जारी करना होगा।
- पार्टियों को दिव्यांगों की शिकायत सुनने के लिए अथॉरिटी भी अपॉइंट करनी चाहिए।
- पार्टियों को दिव्यांग लोगों को कार्यकर्ता या मेंबर बनाना चाहिए। इससे दिव्यांगों की चुनाव में भागीदारी बढ़ेगी।
