बेंगलुरु पुलिस ने ईडी के दो अधिकारियों के ऊपर ही केस दर्ज कर लिया है । शिकायतकर्ता का आरोप है कि पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने सरकारी कर्मचारी पर इस कथित घोटाले में गिरफ्तार हो चुके कांग्रेस नेता बी नागेन्द्र और सीएम समेत कुछ और नेताओं का नाम लेने का दवाब बनाया। कर्नाटक सरकार पर आरोप है कि उसने महर्षि बाल्मिकी अनुसूचित जनजाति डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। जिसमें कथित तौर पर आरोपी कांग्रेस नेता बी नागेन्द्र फिलहाल जेल में हैं।
पुलिस के मुताबिक यह एफआईआर 22 जनवरी को सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के एडिशनल डायरेक्टर कल्लेश बी द्वारा दर्ज करवाई गई है। शिकायत के अनुसार,कल्लेश को ईडी द्वारा बुलाया गया और फंड को गलत तरीके से बांटने को लेकर सवाल किए गए। उन्होंने ईडी द्वारा पूछे गए सभी सवालों का सही ढंग से जवाब भी दिया। बाकि कुछ सवालों पर ऑफिसर मुरली कनन से मैंने कहा कि मुझे कुछ फाइलें देखनी होंगी और अपने कर्मचारियों से बात करनी होगी। कनन ने मुझे फिर बुलाया और मेरे बयान पर मेरे साइन करवाए, जब मैंने उनसे उसकी कॉपी मांगी तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने फिर से पूछताछ शुरू करते हुए कहा कि तुमने ट्रेजरी से पैसे बैंक में ट्रांसफर किए, मैंने कहा कि मेरे पास सभी के बिल उपलब्ध हैं। जिस पर कनन ने कहा कि ईडी तुम्हारी मदद कर सकती है अगर तुम सीधे -सीधे बता दो कि तुमनें नागेंन्द्र के कहने पर पैसे ट्रांसफर किए हैं।
इसके बाद मुझे एक आईआरएस ऑफिसर मित्तल के पास भेज दिया गया, उन्होंने चिल्लाते हुए मुझसे कहा कि तुम क्रिमिनल हो, तुम्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और बेल भी नहीं मिलेगी। मित्तल ने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारा बयान पढ़ा है वह भी तुम्हारे कुछ काम नहीं आएगा। अगर तुम्हें ईडी की मदद चाहिए तो लिखित में दो कि तुमने सीएम सिद्दारमैया, वित्त मंत्री, और नागेन्द्र के कहने पर यह पैसा ट्रांसफर किया था। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम ऐसा नहीं करोगे तो तुम्हें 7 साल की सजा होगी। उसके बाद उन दोनों ने मिलकर मुझसे यहीं बातें कहीं
पुलिस ने ईडी के ऑफिसर मित्तल और कनन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

