बेंगलुरु में एक शख्स को सिद्धगंगा मठ के प्रसिद्ध लिंगायत संत शिवकुमार स्वामी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एनडीटीवी ने बताया है कि इस शख्स ने 30 नवंबर को देर रात मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया था। आरोपी की पहचान 37 वर्षीय डिलीवरी एग्जीक्यूटिव श्रीकृष्ण के रूप में हुई है। शिवकुमार स्वामी को ‘जीवित भगवान’ के रूप में भी जाना जाता है। वह एक सम्मानित लिंगायत संत थे और अपने परोपकारी कार्यों के लिए जाने जाते थे। 2019 में 111 साल की आयु में उनका निधन हो गया था।
आंध्र प्रदेश के मूल निवासी श्रीकृष्ण ने पूछताछ के दौरान अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने बेंगलुरु के वीरभद्र नगर में रात करीब 1 बजे घटना को अंजाम दिया। श्रीकृष्ण कथित तौर पर मूर्ति के पास पहुंचे और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। सुबह जब स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इस घटना के बाद इलाके में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और लोगों ने आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए श्रीकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया और उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इन सब के बीच पुलिस को सबसे बड़ी हैरानी तब हुई जब उन्होंने शख्स से मूर्ति के साथ तोड़फोड़ करने का कारण पूछा। शख्स ने दावा किया है कि उसने मूर्ति को नुकसान इसीलिए पहुंचाया क्योंकि उसने अपने सपने में ईसा मसीह को देखा था।
वहीं बैंगलोर के आर्चबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने आरोपी के बयान की निंदा करते हुए इसे बेतुका बताया है। उन्होंने लोगों से कहा है कि वे इस तरह सांप्रदायिक उकसावे का शिकार न बने। आर्चबिशप ने कहा, “इस तरह के बयानों का उद्देश्य केवल सांप्रदायिक तनाव और हिंसा फैलाना है। शिवकुमार स्वामी जी जैसे महान संत शांति, करुणा और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रतीक थे। उनके प्रति यह अपमान किसी तरह से स्वीकार नहीं है।”