Monday, October 27, 2025

इजरायल ने 15 घंटे में तोड़ दिया 15 महीने बाद हुआ सीजफायर, गाजा में की बमबारी, 73 की मौत

तेल अवीव: इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच हुए सीजफायर के ऐलान को 24 घंटे भी नहीं बीते थे. इसी बीच सीजफायर तोड़ दिया गया. गुरुवार को इजरायली सेना ने गाजा पर फिर से एयर स्ट्राइक की, जिसमें कम से कम 73 लोगों की मौत की खबर है. Sky News और AFP की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार तड़के इजरायल ने गाजा पर आसमान से बम बरसाए थे. AFP ने गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के हवाले से बताया कि इजरायल की एयरस्ट्राइक में महिलाओं और बच्चों की भी जान गई है. 200 से ज्यादा नागरिक जख्मी हुए हैं.

गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के प्रवक्ता महमूद बसल ने AFP को बताया, “जब से गाजा पट्टी पर सीजफायर समझौते का ऐलान हुआ है, तब से इजरायल की ऑक्यूपेशन फोर्स ने 73 लोगों को मार डाला है. इसमें 20 बच्चे और 25 महिलाएं शामिल हैं. इजरायल की सेना अभी भी बमबारी कर रही है.”

ट्रंप ने सीजफायर की बात की थी कंफर्म
गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है. बीती रात को ही दोनों के बीच सीजफायर पर सहमति बनने की रिपोर्ट आई थी. यहां तक की अमेरिका में 20 जनवरी को राष्ट्रपति की शपथ लेने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने भी ‘ट्रूथ’ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सीजफायर की बात कंफर्म की थी. बाद में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से बयान जारी करके बताया गया कि 15 महीने से चल रही जंग रोकने के लिए कई बातों पर सहमति बन गई है. लेकिन, कुछ पॉइंट पर अभी पूरी सहमति होनी बाकी है. देर रात कर सारी चीजें फाइनल हो जाएंगी.

फिर नेतन्याहू ने कैबिनेट मीटिंग में जाने से किया इनकार
इजरायल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजफायर डील को फाइनल मंजूरी देने के लिए गुरुवार को इजरायली कैबिनेट की एक मीटिंग होने वाली थी. ऐन वक्त पर PM नेतन्याहू ने इस मीटिंग में जाने से मना कर दिया. नेतन्याहू के ऑफिस ने आरोप लगाया कि हमास सीजफायर डील की शर्तों ने पीछे हट गया है. हमास तय लिमिट से ज्यादा छूट मांग रहा था. इसे मंजूर नहीं किया जा सकता. रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने इजरायल के आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि सीजफायर की सभी शर्तों पर हमास कायम है.

सीजफायर के खिलाफ ड़कों पर उतरे इजरायल के राइट विंग के लोग
जहां अमेरिका-भारत समेत कई देशों ने इजरायल और हमास के बीच सीजफायर डील को अच्छा कदम बताया. वहीं, इजरायल के अंदर ही इस डील के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं. इजरायल में राइट विंग के लोगों ने मंगलवार से ही संभावित डील के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका कहना है कि हमास से सीजफायर डील का मतलब ये हुआ कि इजरायल उसके सामने झुक गया है. हमास ने इजरायलियों का कत्लेआम किया है. इस डील से इजरायल कमजोर होगा. इसलिए हमास के साथ कोई डील नहीं करनी चाहिए.

पहले 42 दिनों के सीजफायर की हो रही थी बात
इससे पहले न्यूज एजेंसी AFP ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इजरायल और हमास के बीच सीजफायर का पहला फेज कुल 42 दिनों का हो सकता है. सीजफायर डील के पहले फेज में हमास 33 बंधकों को रिहा कर सकता है, जिनमें 5 महिलाएं शामिल हैं. जबकि इजरायल इसकी एवज में 250 फिलिस्तीन कैदियों को छोड़ेगा. इसके 15 दिन बाद हमास बाकी बंधकों को रिहा करेगा. इस बीच दोनों पक्ष पर्मानेंट सीजफायर को लेकर भी बात करते रहेंगे.

ट्रंप और बाइडेन दोनों ने लिया सीजफायर का क्रेडिट
बुधवार देर इजरायल और हमास के बीच हुए सीजफायर का क्रेडिट लेने की होड़ भी देखी गई. डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ’ पर पोस्ट करके सीजफायर और इजरायली बंधकों की रिहाई का क्रेडिट लिया. ट्रंप ने कहा, “मिडिल ईस्ट में बंधकों की रिहाई को लेकर डील फाइनल हो गई है. गाजा में बंधक बनाए गए लोगों को हमास जल्द रिहा करेगा. ये ऐतिहासिक समझौता, राष्ट्रपति चुनाव में हमारी जीत की वजह से हो पाया.”

भारत ने सीजफायर को बताया था अच्छा कदम
भारत ने भी इजरायल-हमास के बीच सीजफायर और बंधकों की रिहाई की डील पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे बेहतरीन कदम बताया था. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को वेबसाइट पर आधिकारिक बयान जारी किया. विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता सुनिश्चित हो पाएगी. हमने हमेशा सभी बंधकों की रिहाई, युद्धविराम और संवाद और कूटनीति के मार्ग पर लौटने की अपील की है.”

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