Thursday, October 10, 2024

Amit Shah ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को लिखा पत्र, विपक्षी दलों से कह दी ये बड़ी बात

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मणिपुर मुद्दे पर संसद में गतिरोध जारी है और इस गंभीर मुद्दे पर बहस नहीं हो पा रही है. सत्ता और विपक्ष दोनों का कहना है कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके बावजूद संसद का मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) अब तक हंगामे की भेंट चढ़ गया है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे (Manipur Issue) पर बयान दिया और कहा कि हमें कोई डर नहीं है, जिसको चर्चा करनी है वो कर ले. इसके साथ ही उन्होंने संसद के दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखकर चर्चा में सहयोग देने की अपील की है.

अमित शाह ने खड़गे और अधीर रंजन को लिखी चिट्ठी

मणिपुर मुद्दे पर संसद में गतिरोध जारी है और इस गंभीर मुद्दे पर बहस नहीं हो पा रही है. सत्ता और विपक्ष दोनों का कहना है कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके बावजूद संसद का मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) अब तक हंगामे की भेंट चढ़ गया है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे (Manipur Issue) पर बयान दिया और कहा कि हमें कोई डर नहीं है, जिसको चर्चा करनी है वो कर ले. इसके साथ ही उन्होंने संसद के दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखकर चर्चा में सहयोग देने की अपील की है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी दलों का एक बार फिर से आह्वान किया कि वे मणिपुर जैसे संवेदनशील विषय पर चर्चा करें, क्योंकि देश के लोग उन्हें देख रहे हैं और वे जनता का खौफ करें. अमित शाह ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) को पत्र लिखकर यह भी कहा कि वे मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा में ‘अमूल्य सहयोग’ दें.

अमित शाह ने लोकसभा में दिया मणिपुर मुद्दे पर जवाब

केंदीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लोकसभा में बहु राज्य सहकारी समितियां संशोधन विधेयक 2022 पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर के विषय (Manipur Issue) का उल्लेख किया और बताया कि उन्होंने इस संदर्भ में लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के दोनों नेताओं को पत्र लिखा है. अमित शाह ने यह भी कहा कि सरकार को मणिपुर पर चर्चा से कोई डर नहीं है और उसे कुछ छिपाना भी नहीं है.

सरकार कितनी भी लंबी चर्चा को तैयार: अमित शाह

अमित शाह (Amit Shah) ने लोकसभा में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच कहा, ‘मैंने आज दोनों सदन के विपक्ष के नेता को पत्र लिखा है कि कितनी भी लंबी चर्चा के लिए मैं तैयार हूं. सरकार को कोई डर नहीं है, जिसको चर्चा करनी है वो चर्चा करने आए. हमें कुछ छिपाना नहीं है.’ गृह मंत्री ने विपक्षी सदस्यों के लिए कहा, ‘जनता आपको देख रही है, चुनाव में जाना है. जनता के खौफ को ध्यान में रखें. आपसे विनती है कि मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाइए.’

अमित शाह ने अपनी चिट्ठी में कही ये बड़ी बात

मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) को लिखे पत्रों में अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और उन्होंने सभी से पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर सहयोग करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे.’ मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भी लोकसभा में कहा था कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें.

पीएम मोदी से बयान की मांग कर रहे हैं विपक्षी दल

कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले चार दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई.

क्या है मणिपुर का विवाद?

बता दें कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो पिछले बुधवार यानी 19 जुलाई को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

 

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