Sunday, July 6, 2025

पराली जलाने वाले किसानों के लिए बुरी खबर, केंद्र सरकार ने MSP पर लिया बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा साल 2023 में सुनाए गए एक फैसले का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को इस साल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ देने से वंचित करने के लिए राज्य की सरकारों को पत्र लिखा है। केंद्र ने जिन राज्यों को यह चिट्ठी लिखी है उनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान शामिल है। केंद्र ने इन राज्यों को मुख्य सचिवों को इसे लागू करते हुए जल्द ही स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।

एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। आपको बता दें कि पराली जलाने वाले किसानों को खिलाफ फाइन और सजा के प्रावधान सियासी तौर पर काफी जटिल हैं। सरकारें अपनी सियासी हितों को ध्यान में रखते हुए पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई से परहेज करती रही है।

बीते 10 अप्रैल को सचिवों की समिति की एक बैठक हुई। इस बैठक में केंद्र सरकार ने पराली के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कार्ययोजना तैयार की। इसरो प्रोटोकॉल के तहत पराली जलाने वाले किसानों को एमएसपी से प्रतिबंधित किए जाने का फैसला किया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस नियम को लागू करने की योजना सरकार के द्वारा तैयार किया गया है।

एनएसआरसी और इसरो को ऐसे खेतों की मैपिंग की जिम्मेदारी दी गई है जिन खेतों में पराली जलाए जाते हैं। इसके लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया गया है।

सरकार के नए आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में सबसे अधिक धान की खेती होती है। इस साल इसके 31.54 लाख हेक्टेयर तक बढ़ने की संभावना है। पिछले साल की तुलना में यह काफी अधिक है। पंजाब के बाद हरियाणा का नंबर आता है। यहां इस साल 15.73 हेक्टेयर में धान की खेती होने की संभावना है। आपको बता दें कि सबसे अधिक पंजाब में पराली जलाने की घटना होती है। इसके बाद हरियाणा का नंबर आता है।

एनजीटी ने पंजाब से पूछे सवाल
हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पंजाब सरकार को यह बताने का निर्देश दिया है कि वह चालू वर्ष में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के अपने लक्ष्य को कैसे हासिल करेगी। एनजीटी पंजाब में पराली जलाने के मामले पर सुनवाई कर रहा था जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के इलाकों में सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। इस साल जनवरी में अधिकरण ने पंजाब को “गंभीर मुद्दे” से निपटने के लिए “संशोधित नयी कार्य योजना” दाखिल करने का निर्देश दिया था। अधिकरण ने राज्य सरकार को 12 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख से एक सप्ताह पहले रिपोर्ट दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि वह चालू वर्ष में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के अपने लक्ष्य को कैसे हासिल करेगी।

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