Monday, July 7, 2025

भिलाई के संविधान मेले में ‘प्रदूषित रामायण’ किताब पर बवाल:बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने किया सुपेला थाने का घेराव, किताब के लेखक-प्रकाशक पर केस दर्ज

भिलाई में लगे संविधान मेले में हिंदू धर्म विरोधी किताबें बेचने का मामला सामने आया है। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध करते हुए सुपेला थाने का घेराव किया और मामला दर्ज करने की मांग की। इसके बाद सुपेला पुलिस ने प्रदूषित रामायण नाम से पुस्तक लिखने वाले लेखक श्रीकांत शेट्ये और प्रकाशक के खिलाफ केस दर्ज किया है।

बजरंग दल के विभाग संयोजक रवि निगम ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि कोसा नाला के पास रेलवे की जमीन पर संविधान मेला लगा है। उस मेले में खुलेआम स्टॉल लगा कर हिंदू धर्म विरोधी आपत्तिजनक किताबें बेची जा रही हैं। ऐसा करके आयोजक हिंदू धार्मिक उन्माद को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, आयोजन समिति ने कहा कि किताब बेचने वाला बाहर से आया था, उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।

बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने किया सुपेला थाने का घेराव।
बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने किया सुपेला थाने का घेराव।

बजरंग दल ने किया सुपेला थाने का घेराव

सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में बजरंग दल कार्यकर्ता आयोजन स्थल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने पुलिस से मामले में कार्रवाई की मांग की। जब पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो बजरंगियों ने सुपेला थाने का घेराव कर दिया। टीआई दुर्गेश शर्मा ने एक टीम को मौके पर जांच के लिए भेजा। वहां से हिंदू धर्म विरोधी और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली किताबें मिलीं।

स्टॉल में हिंदू विरोधी किताबों की भरमार थी।
स्टॉल में हिंदू विरोधी किताबों की भरमार थी।

किताब के लेखक और प्रकाशक पर केस दर्ज

बजरंगियों के थाने का घेराव करने की सूचना पाकर सीएसपी मौके पर पहुंचे और FIR दर्ज करने का आदेश दिया तब बजरंगी शांत हुए। करीब 3 घंटे तक थाना परिसर में हंगामे के बाद प्रदूषित रामायण पुस्तक के लेखक श्रीकांत शेट्ये और प्रकाशक के खिलाफ धारा 295-ए के तहत केस दर्ज किया गया।

स्टॉल में हिंदू विरोधी किताबों की भरमार

संविधान मेले में लगे बांधव प्रकाशन के स्टॉल में प्रदूषित रामायण के साथ ही हिंदू विरोधी किताबें बड़े पैमाने रखी गई थी। इनमें हिंदुइज्म धर्म या कलंक, भगवत गीता की बुद्धिवादी समीक्षा, आदिवासी हिंदू नहीं हैं, धर्म के नाम पर, पेरियार की विवादास्पद किताब सच्ची रामायण की चाबी और हिंदुत्व मुक्त भारत की ओर जैसी दर्जनों किताबें थी।

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