केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख का कारगिल शहर इन दिनों भीषण ठंड से जूझ रहा है. भारत की सुरक्षा के लिए ये इलाका बेहद अहम है. यही वजह है कि भारतीय वायुसेना और थल सेना दोनों ही यहां अपनी मौजूदगी को बढ़ाती रहती है. हाल ही में भारतीय वायुसेना ने यहां पर एक बड़ा कारनाम भी किया है. वायुसेना ने यहां पर रात के समय कारगिल एयरस्ट्रिप पर सी-130जे सुपर हर्क्यूलस विमान को लैंड करवाया है. इसका एक वीडियो भी सामने आया है.
भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर कहा, ‘पहली बार वायुसेना के सी-130जे एयरक्राफ्ट ने कारगिल एयरस्ट्रिप पर रात के समय लैंडिंग की है. इस अभ्यास के दौरान टेरेन मास्किंग का काम करते हुए गरुड़ कमांडो को भी तैनात किया गया.’ टेरेन मास्किंग एक सैन्य रणनीति है, जिसका इस्तेमाल दुश्मन के रडार से बचने के लिए पहाड़ों, पहाड़ियों, जंगलों जैसे प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इसका मकसद दुश्मन से छिपकर अपने अभियान को अंजाम देना होता है.
क्यों रात के समय लैंडिंग चुनौतीपूर्ण होती है?
कारगिल चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है. ऐसे में यहां पर लैंडिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. सर्दियों के समय होने वाली बर्फबारी तो लैंडिंग को भी ज्यादा मुश्किल बना देती है. ऊपर से रात के समय बर्फबारी के बीच विमान को एयरस्ट्रिप पर लैंड करना बेहद मुश्किल होता है. विमानों को लैंडिंग के दौरान रात के अंधेरे में न सिर्फ पहाड़ों से बचना होता है, बल्कि लैंडिंग के लिए सिर्फ नेविगेशन का ही सहारा लेना पड़ता है.
क्या हैं सी-130जे सुपर हर्क्यूलस विमान की खासियतें?
सी-130जे सुपर हर्क्यूलस विमान को उड़ाने के लिए कम से कम तीन क्रू मेंबर्स की जरूरत है, जिसमें दो पायलट और एक लोडमास्टर होता है. विमान में 19 टन सामान को लोड कर एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है. यह चार रोल्स-रॉयस AE 2100D3 टर्बोप्रॉप इंजन के जरिए चलता है. अगर इसकी रफ्तार की बात करें, तो ये विमान एक घंटे में 644 किमी का सफर तय कर सकता है. यह बिना तैयार रनवे से छोटी उड़ान भरने और लैंडिंग में सक्षम है.