बिहार में 2025 का विधानसभा चुनाव अब नज़दीक है और इस बार मुकाबला पहले से भी ज्यादा दिलचस्प माना जा रहा है। जहां एक ओर विपक्ष महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को हवा दे रहा है, वहीं सत्ताधारी एनडीए अपनी योजनाओं और महिलाओं के लिए शुरू की गई विशेष आर्थिक मदद पर भरोसा जता रहा है। खास बात यह है कि बिहार की महिला मतदाता संख्या अब निर्णायक स्थिति में पहुँच चुकी है, और यही वजह है कि 2025 में महिलाएं ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकती हैं।
नीतीश कुमार की सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं को केंद्र में रखकर कई योजनाएं शुरू कीं, जिनमें सबसे चर्चित है “मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना”, जिसके तहत योग्य महिलाओं को ₹10,000 की सहायता राशि दी जा रही है। माना जा रहा है कि यह योजना मौजूदा चुनावी माहौल में एनडीए के लिए एक बड़ा ‘गेमचेंजर’ साबित हो सकती है।
Bihar Election 2025
2025 के चुनाव में महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों से अधिक बताई जा रही है। बिहार में 7 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं में लगभग 3.6 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। 2010 के बाद से नीतीश कुमार ने शराबबंदी, स्वयं सहायता समूह और बालिका शिक्षा जैसे कदमों से महिला मतदाताओं का मजबूत आधार तैयार किया था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार महिला मतदाता निर्णायक साबित होंगी, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में उनका वोटिंग प्रतिशत लगातार बढ़ा है। पिछले चुनावों में देखा गया कि महिला वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से लगभग 5% ज्यादा था। यानी, अगर कोई दल महिला वर्ग को अपने पक्ष में कर लेता है, तो परिणाम उसके पक्ष में झुक सकते हैं।