महाराष्ट्र के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों में भी बगावत की सुगबुगाहट जोर पकड़ रही है. दावा किया जा रहा है कि जो महाराष्ट्र में हुआ वो जल्दी ही बिहार में भी हो सकता है. महाराष्ट्र में एनसीपी के दोफाड़ के बाद बिहार में भी बगावत के कयास तेज हो गए हैं. दावा किया जा रहा है इन दो राज्यों में भी जल्दी ही ऐसी तस्वीर दिख सकती है. बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी इसको लेकर दावा किया है. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार महाराष्ट्र के सियासी भूचाल से डर गए हैं और अपने विधायकों से वन टू वन मीटिंग कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने यूपी-बिहार की सियासत को लेकर बड़ा दावा किया है.
बिहार में बनेगी महाराष्ट्र जैसी स्थिति!
बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांप कर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग बात करनी शुरू कर दी है. सुशील मोदी ने ये भी कहा कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी.
सियासत में उलटफेर की भविष्यवाणी
महाराष्ट्र में हुई उठापटक के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अन्य राज्यों में भी इस तरीके की फूट पड़ने का दावा किया है. उनका दावा है कि बिहार से नीतीश कुमार और यूपी से जयंत चौधरी जल्दी ही NDA का हिस्सा बन सकते हैं.
महाराष्ट्र में सियासी भूचाल
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की सियासत में रविवार को बड़ा खेल हो गया. महाविकास अघाड़ी की ताकत माने जाने वाली NCP को बड़ा झटका लगा है. 2024 के महामुकाबले से पहले विपक्षी एकता को महाराष्ट्र में बड़ा झटका लगा है. एनसीपी में नंबर 2 का कद रखने वाले अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की और महाराष्ट्र की सत्ताधारी शिंदे-फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम के तौर पर शामिल हो गए.
NCP में हो गए दो फाड़
अजित के अलावा उनके 8 करीबी विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, 53 में से करीब 40 विधायक अजित पवार के पाले में शिफ्ट हो गए हैं. ऐसे में चाचा शरद पवार और NCP में ये टूट बड़ा नुकसान माना जा रहा है. इस बीच पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पोस्टर वॉर भी जमकर दिखाई दिया. एनसीपी दफ्तर में लगी छगन भुजबल की तस्वीरों को नाराज पार्टी कार्यकर्ताओं ने बाहर निकाला और उसपर कला पेंट स्प्रे किया.
यही नहीं इसके बाद कई और जगहों पर बगावत करने वाले नेताओं की तस्वीरों पर इसी तरह कालिख पोती गई. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को समर्थन देने और सरकार में शामिल होने का अजित पवार का फैसला 2024 से पहले विपक्षी एकता के लिए एक झटका है. NCP में आए इस भूचाल के बाद जब पार्टी प्रमुख शरद पवार मीडिया के सामने आए तो उन पर भी सवालों की बौछार हुई. हालांकि, पत्रकारों के सामने उन्होंने अपना कॉन्फिडेंस कम नहीं होने दिया.