Tuesday, July 8, 2025

CG NEWS : कृषि केंद्रों में छापेमारी, दो दुकानें सील:ज्यादा कीमत पर बेची जा रही थी यूरिया, एक में बिक्री पर लगाई रोक

बिलासपुर में कृषि केंद्रों में खाद की कालाबाजारी और ज्यादा कीमत पर यूरिया सहित अन्य खाद बेचने पर शनिवार को रायपुर की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर दो दुकानों को सील कर दिया गया है। जबकि एक दुकान में बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। कृषि विभाग की इस कार्रवाई से उर्वरक विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है।

शहर और आसपास के कृषि केंद्रों में तय कीमत से अधिक दर पर खाद की बिक्री की जा रही थी। वहीं, स्थानीय स्तर के अधिकारी इन शिकायतों को लगातार नजरअंदाज कर दिखावे के लिए निरीक्षण कर रहे थे। इसकी जानकारी रायपुर में कृषि विभाग के संचालक को हुई, तब संचालनालय ने टीम गठित कर दुकानों में छापेमारी करने के निर्देश दिए।

दुकान में खाद की बिक्री पर प्रतिबंध
विभाग के अफसरों की टीम ने अलग-अलग उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों में छापेमारी की। जांच के दौरान हरदीकला स्थित मेसर्स कौशिक कृषि केन्द्र में रिकार्ड संधारण नहीं किया गया था। वहीं, बिल बुक भी नहीं नहीं मिला, जिसके बाद टीम ने यहां खाद के विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया है।

दो दुकानों को किया सील
इस कार्रवाई के दौरान टीम ने शनिचरी स्थित मेसर्स कृषक साथी केंद्र की जांच की, जिसमें निर्धारित कीमत से अधिक दर पर यूरिया खाद की बिक्री की जा रही थी। साथ ही संस्थान के गोदाम का आवश्यक दस्तावेज भी पेश नहीं किया गया, जिस पर मेसर्स कृषक साथी के विक्रय और भण्डारण स्थल को सील कर दिया गया है। शनिचरी बाजार में ही स्थित मेसर्स वसुंधरा कृषि संसार का भी निरीक्षण किया गया। यहां बिना खाद विक्रय (पॉस) आई.डी. के यूरिया खुली बोरी में बेची जा रहा थी। साथ ही अनुज्ञप्ती में स्त्रोत प्रमाण पत्र के बिना जैव उर्वरकों की बिक्री की जा रही थी। टीम ने मेसर्स वसुंधरा कृषि संसार को भी सील कर दिया है। कार्रवाई में संचालनालय रायपुर से सहायक संचालक सुमित सोरी, बिलासपुर के संयुक्त संचालक कृषि अशोक कुमार बनाफर, सहायक संचालक कृषि एसएस जगत सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

कलेक्टर को गुमराह कर रहे थे अफसर
कलेक्टर संजीव कुमार झा ने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही कृषि विभाग के अफसरों की बैठक लेकर कृषि विभाग के अफसरों को जिले के कृषि केंद्रों की जांच करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने विभाग के अफसरों को सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा था। लेकिन, कृषि विभाग के अफसर कृषि केंद्रों में जाकर औपचारिक निरीक्षण कर रहे थे। कई केंद्रों में गड़बड़ी मिलने के बाद भी महज नोटिस देकर खानापूर्ति की जा रही थी और कलेक्टर को गुमराह किया जा रहा था। इस कार्रवाई के बाद विभाग के स्थानीय अफसर व कृषि केंद्र संचालकों की मिलीभगत की पोल भी खुल गई है।

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