Holashtak 2025: होली से पूर्व फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक की शुरुआत हो जाती है। होलाष्टक 8 दिनों का वह समय होता है जब हिंदू धर्म में शादी, गृह-प्रवेश, मुंडन आदि जैसे शुभ कार्यों को करनी की मनाही होता है। ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार, होली से 8 दिन पहले से अलग-अलग ग्रह उग्र रूप में होते हैं। इसलिए शुभ मांगलिक कार्य इस दौरान नहीं किए जाते। हालांकि तंत्र-मंत्र साधना के लिए यह समय बेहद अनुकूल माना जाता है। इन दिनों में मंत्रों का जप करने से सिद्धि प्राप्त हो सकती है। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि होलाष्टक के दौरान किन मंत्रों का जप करना शुभ फलदायी हो सकता है।
होलाष्टक में करें इन मंत्रों का जप
- होलाष्टक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जप करना बेहद शुभ माना जाता है। महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से आपको भय और रोग से मुक्ति मिलती है। होलाष्टक में इस मंत्र का जप यदि आप आठ दिनों तक करते हैं तो कई सिद्धियां भी आपको प्राप्त हो सकती हैं।
- मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
- ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात्’, ये रुद्र गायत्री मंत्र है। इस मंत्र का जप होलाष्टक के दौरान करने से पाप से आपको मुक्ति मिलती है। आपका और आपके परिवार का कल्याण होता है।
- भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए होलाष्टक के दौरान आप ‘ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।’ मंत्र का जप कर सकते हैं। इस मंत्र का होलाष्टक के आठ दिनों में जप करने से आपकी सभी परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही जीवन में आपको धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस मंत्र का जप करने से आपको बौद्धिक बल और आध्यात्मिक शक्ति भी मिलती है।
- अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में धन की कभी कमी न हो तो होलाष्टक के दौरान माता लक्ष्मी के मंत्र, ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः।।’ मंत्र का प्रतिदिन आपको जप करना चाहिए।
- होलाष्टक के दौरान आप माता दुर्गा के मंत्र ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः’ का यदि आप प्रतिदिन जप करते हैं तो आपको कई सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं। इस मंत्र का जप करने से आपकी विवेक बुद्धि जागती है और आपको आलौकिक अनुभव हो सकते हैं।