Wednesday, December 31, 2025

chhattisgarh breaking : छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग दो दिन से लापता पुलिस आरक्षक का शव फंदे पर लटका मिला

chhattisgarh breaking , जगदलपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले से एक दुखद और सनसनीखेज खबर सामने आई है, जहाँ पुलिस लाइन में पदस्थ एक आरक्षक का शव जंगल में फंदे पर लटका मिला है। आरक्षक पिछले दो दिनों से लापता था, जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

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 आसना जंगल में मिला शव

जानकारी के अनुसार, पुलिस लाइन जगदलपुर में पदस्थ आरक्षक डमरू नायक बुधवार से ही लापता थे। परिजनों और सहकर्मियों ने उनकी तलाश शुरू कर दी थी, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था।

शुक्रवार को स्थानीय लोगों ने आसना जंगल क्षेत्र में एक शव को पेड़ से लटका देखा। इसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दी गई। मौके पर पहुँची पुलिस टीम ने शव की शिनाख्त लापता आरक्षक डमरू नायक के रूप में की। आरक्षक का शव फंदे से लटकता हुआ मिला, जिससे प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का लग रहा है।

पुलिस विभाग में मचा हड़कंप

अपने ही विभाग के एक जवान का इस तरह संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिलने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तत्काल मौके पर पहुँचे। शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम (Post Mortem) के लिए भेजा गया है।

जाँच के विभिन्न आयाम

जगदलपुर पुलिस अब इस पूरे मामले की गहनता से जाँच कर रही है। पुलिस सभी संभावित एंगल से मामले को देख रही है:

  • आत्महत्या का कारण: पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि क्या आरक्षक डमरू नायक ने किसी निजी तनाव, पारिवारिक विवाद, या कार्य संबंधी दबाव के कारण यह कदम उठाया। सहकर्मियों और परिजनों से पूछताछ की जा रही है ताकि आत्महत्या के पीछे का सही कारण पता चल सके।

  • हत्या का संदेह: हालाँकि, प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का है, पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह मामला केवल आत्महत्या का है या इसके पीछे कोई साजिश या अन्य आपराधिक पहलू छिपा है।

  • लापता होने की गुत्थी: पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि आरक्षक दो दिन से क्यों लापता था और वह अपनी ड्यूटी छोड़कर जंगल तक कैसे पहुँचा।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने और विस्तृत जांच पूरी होने के बाद ही आरक्षक की मौत के कारणों का सही पता चल पाएगा। इस घटना ने एक बार फिर पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यभार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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