देश के कई एक्सप्रेसवे पर तो आपने सफर किया होगा. स्पीड में गाड़ियां दौड़ाई होंगी. लेकिन क्या कभी ऐसे एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलाई है, जहां आपको हाथी, चीता, बाघ और बाकी जानवर देखने को मिलें. अगर नहीं तो ऐसा होने जा रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बना रही है, जहां जंगली जानवरों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया है.
दरअसल, एक्सप्रेसवे के ऊपर से वाहन गुजरेंगे और नीचे जानवरों की सामान्य आवाजाही चलेगी. इस कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है. कई जगह अंडरपास का भी निर्माण किया गया है. करीब 571 पिलर्स में से 450 बनकर तैयार हैं.
इस एक्सप्रेसवे पर सफर के दौरान आप जंगल सफारी का मजा ले सकेंगे. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI के अधिकारियों ने बताया कि यह कॉरिडोर उत्तराखंड में बनाया जा रहा है. अब जानिए इस प्रोजेक्ट की खास बातें.
12 किमी होगी लंबाई
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर इस वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जो एशिया में सबसे बड़ा होगा. इसकी लंबाई करीब 12 किमी से थोड़ी ज्यादा होगी. 6 लेन के कॉरिडोर को सिंगल पिलर पर बनाया जा रहा है ताकि जंगल में कंक्रीट का कम उपयोग हो. राजाजी नेशनल पार्क से सटे इस कॉरिडोर में जानवर सामान्य आवाजाही कर सकेंगे. पिलर्स के बीच में करीब 21 मीटर की दूरी होगी. 571 में से 460 पिलर्स बन चुके हैं.
यह वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर मोहंड से शुरू होगा और दाताकाली तक बनेगा. देहरादून-गणेशपुर सेक्शन में पशु मार्ग बनाए जा रहे हैं. इस सेक्शन पर दो एलिफेंट अंडरपास का भी निर्माण हो रहा है. जबकि 6 अंडरपास जानवरों के लिए है.
ढाई घंटे में पूरा होगा सफर
दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे 210 किमी लंबा होगा. अभी दिल्ली से देहरादून जाने में 7 घंटे लगते हैं. इस एक्सप्रेसवे के बनने से महज ढाई घंटे में सफर पूरा हो जाएगा. इसका ज्यादातर हिस्सा यूपी में है. दिल्ली से यह हाईवे 12 लेन का होगा. लेकिन आगे जाकर यह 6 लेन का हो जाएगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अलावा यूपी और उत्तराखंड के कई अहम शहरों को कनेक्ट करेगा. NHAI के मुताबिक, इसके शुरुआती दो खंडों को इसी साल के दिसंबर में यातायात के लिए खोल दिया जाएगा.