कोरबा। कोरबा अंचल की प्रमुख आस्था स्थली, हसदेव नदी तट पर स्थित ऐतिहासिक मां सर्वमंगला मंदिर के प्रबंधन और विकास के लिए चेरिटेबल ट्रस्ट गठित करने की कवायद एक बार फिर तेज हो गई है। कोरबा ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। स्थानीय लोगों के मन में यह सवाल बना हुआ है कि जिले के अन्य प्रमुख मंदिरों में ट्रस्ट बनने की प्रक्रिया जारी है, तो सर्वमंगला मंदिर में वर्षों से लंबित यह प्रयास कब सफल होगा।
गौरतलब है कि कोरबा के ही चौतुरगढ़ स्थित मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर में ट्रस्ट का गठन हो चुका है, वहीं कोरबा-चांपा मार्ग पर स्थित मां मड़वारानी मंदिर में भी ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित हो गया है और गठन प्रक्रिया जल्द पूरी होने की उम्मीद है। लेकिन मां सर्वमंगला मंदिर में ट्रस्ट गठन का मामला वर्षों से अटका हुआ है।
इस दिशा में वर्ष 2009 में प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की गई थी और 23 सितंबर 2009 को छत्तीसगढ़ के राजपत्र में इसका प्रकाशन भी हुआ था। तत्कालीन तहसीलदार जे.एल. यादव और प्रमुख गणमान्यजनों की बैठक में मां सर्वमंगला देवी चेरिटेबल ट्रस्ट के लिए चर्चा हुई थी और मंदिर परिसर की लगभग 50 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति का आकलन भी किया गया था।