नई दिल्ली। भारत को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने स्किल गैप की बड़ी चुनौती को दूर करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इसके तहत कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय अब विकास योजनाओं को स्थानीय स्तर की मांग के आधार पर तैयार करने की पहल कर रहा है।
मंत्रालय का कहना है कि केंद्र की योजनाएं तभी प्रभावी होंगी जब वे जिले और राज्यों की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप बनाई जाएं। इसी दिशा में पहला कदम उठाते हुए सभी राज्यों का जिलेवार अध्ययन कराया गया है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में कौशल की कमी और मांग की स्थिति स्पष्ट हुई है।
अब मंत्रालय इस ढांचे को जमीनी स्तर पर और अधिक व्यावहारिक, सक्रिय व पारदर्शी बनाने की रूपरेखा पर काम कर रहा है। सरकार का मानना है कि यदि स्थानीय युवाओं को उनकी जरूरतों और क्षेत्रीय उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाए, तो न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।