Sunday, July 6, 2025

ईवीएम के हर वोट का होगा पर्ची से मिलान या जारी रहेगी मौजूदा व्यवस्था, सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच शुक्रवार को ईवीएम और वीवीपैट के 100 फीसदी म‍िलान वाली याच‍िका पर अपना फैसला सुनाएगी। इस बेंच ने 24 अप्रैल को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्ष‍ित रख ल‍िया था। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे फेज की वोट‍िंग जारी है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के जरिए डाले गए वोटों के साथ वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों का मिलान वाली याच‍िका पर अपना फैसला सुनाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ही यह तय होगा क‍ि चार को जून जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्च‍ियों का म‍िलान होगा या नहीं। आपको बता दें क‍ि कई संगठनों ने यह याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई है कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गिनती करवाई जानी चाहिए.

कोर्ट ने पूछे पांच सवाल 

चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वीवीपैट की पर्चियां बहुत छोटी और महीन होती हैं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे, जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था. पीठ ने उन्हें दोपहर दो बजे प्रश्नों के उत्तर देने के लिए बुलाया था.

कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि उसे कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत है, क्योंकि ईवीएम के बारे में ‘बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों’ (एफएक्यू) पर दिए गए उत्तरों को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है. पीठ ने कहा कहा था क‍ि हमें कुछ संशय है और स्पष्टीकरण की जरूरत है और इसलिए हमने मामला निर्देशों के लिए सूचीबद्ध किया है. उसने कहा क‍ि हम अपने निष्कर्षों में तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं होना चाहते, बल्कि पूरी तरह सुनिश्चित होना चाहते हैं.

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