महाराष्ट्र में जीबीएस के केसेज में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पुणे में जीबीएस के पांच नए केसेज मिलने के बाद अब यहां पर कुल संदिग्ध मामले 163 हो चुके हैं। इनमें कंफर्म केसेज की संख्या 127 है। अधिकारियों के मुताबिक 163 संदिग्ध मामलों में से 32 पुणे शहर से, 86 पुणे नगर निगम सीमा में नए जोड़े गए गांवों से, 18 पिंपरी चिंचवाड़ से, 19 पुणे ग्रामीण से और आठ अन्य जिलों से हैं।
इन 163 मरीजों में 47 लोगों को अस्पताल से छोड़ दिया गया है। वहीं, 47 अभी भी आईसीयू में हैं। 21 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। इस बीच पुणे शहर के विभिन्न हिस्सों से 168 पानी के सैंपल लिए गए थे। इन सैंपल्स को केमिकल और बायोलॉजिकल जांच के लिए भेजा गया था। इन रिपोर्ट्स में सामने आया है कि आठ जगहों पर पानी के स्रोतों में जहरीला पदार्थ था।
क्या है जीबीएस
जीबीएस एक रेयर बीमारी है जो इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। हाथों-पैरों में शुन्नता, निगलने और सांस लेने में कठिनाई भी होती है। जीबीएस का संक्रमण घातक होने पर व्यक्ति पैरालिसिस तक का शिकार हो सकता है। वयस्कों और पुरुषों में यह बीमारी कॉमन है और सभी उम्र के लोगों पर असर डाल सकती है।
प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड रिस्पांस टीम बनाई है। यह टीम जीबीएस के मामलों में आ रही तेजी की वजहों को तलाश रही है। हाल ही में रिस्पांस टीम ने एक बैठक की थी, जिसमें कई निर्देश दिए गए। इसमें पुणे म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने कहाकि जीबीएस को लेकर जल्द ही व्यापक तौर पर दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।