कोरबा, 05 जुलाई 2025// गर्मी की तपिश अब बीते कल की बात हो गई है। आसमान से गिरती बूंदों ने खेतों की प्यास बुझाई है और किसानों के चेहरों पर फिर से मुस्कान लौटा दी है। बरसात अपने साथ हरियाली, ताजगी और नई उम्मीदें लेकर आती है। गांव-गांव, खेत-खेत अब जीवन के रंगों से सराबोर हैं खेतों की मिट्टी से उठती सौंधी खुशबू, ट्रैक्टर की गूंजती आवाजें और धान की रोपाई में जुटा किसान परिवार… यह दृश्य न केवल सुंदर है, बल्कि भारत के ग्रामीण स्वरूप की असली झलक भी देता है।
जैसे ही मानसून ने दस्तक दी, किसानों की दिनचर्या खेतों से फिर जुड़ गई। कोई ट्रैक्टर लेकर जुताई में जुट गया है तो कोई अपने बच्चों और पत्नी के साथ धान की रोपाई करता नजर आता है। किसान पहले खेतों की मिट्टी को प्रणाम करते हैं और फिर सच्ची श्रद्धा के साथ प्रकृति की देन को संवारने में लग जाते हैं। इस जुड़ाव में एक और राहतभरी बात यह है कि अब उन्हें बीज और खाद की चिंता सताने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
राज्य शासन और कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष भी किसानों के लिए समय रहते बीज और खाद की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कोरबा जिले में भी इसकी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। समितियों पर किसान बिना किसी परेशानी के अनुदानित दरों पर गुणवत्तायुक्त खाद और बीज प्राप्त कर रहे हैं।
करतला के आदिवासी सेवा सहकारी समिति पर पहुंचे ग्राम कछार निवासी कृषक श्री घनश्याम राठिया लगभग साढ़े छह एकड़ भूमि पर खेती करने वाले श्री राठिया ने 12 बोरी यूरिया, 6 बोरी डीएपी और 4 बोरी सुपर फास्फेट प्राप्त किया है। उन्होंने हर्षपूर्वक बताया न लाइन में लगना पड़ा, न इंतज़ार करना पड़ा। समिति में सारी व्यवस्थाएं इतनी सहज हैं कि हर किसान को समय पर और बिना परेशानी के खाद-बीज मिल रहा है। जो हमें शासन की ओर से रियायती दर पर उपलब्ध कराई जा रही है।
श्री राठिया ने बताया कि न केवल उन्हें यह सामग्री कम दामों में मिली है, बल्कि इसकी गुणवत्ता भी बेहद उत्तम है। यह उनके जैसे छोटे और मध्यम किसान परिवारों के लिए बड़ी राहत और संबल का कारण बन रही है।
समिति के कर्मचारी श्री तोमल साहू ने जानकारी दी कि समिति द्वारा किसानों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। अब तक लगभग 75 प्रतिशत पंजीकृत किसान खाद-बीज का उठाव कर चुके हैं। शेष किसान भी मौसम की अनुकूलता के अनुसार आने लगे हैं, जिनके लिए पर्याप्त मात्रा में सामग्री सुरक्षित रखी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि शासन के निर्देशानुसार वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और सुविधाजनक बनाया गया है, जिससे कोई भी किसान वंचित न रह सके।
सरकार की योजनाएं और किसानों की मेहनत मिलकर इस मानसून को खुशहाली की फसल में बदलने को तैयार हैं।