Sunday, July 6, 2025

मतदान के दौरान ग्रेनेड ब्लास्ट, CRPF जवान शहीद:3 किमी पहाड़ी पार कर वोट डालने पहुंचे ग्रामीण; बस्तर में 5 बजे तक 63.41% वोटिंग

बस्‍तर के गुटूररास इलाके के ग्रामीण 3 किमी पैदल और पहाड़ी पार कर वोट देने मिरीवाड़ा पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि वोट देने से गांव में विकास होगा। पानी और सड़क पहुंचेगी। विकास की उम्मीद से सालों से मतदान कर रहे हैं।बस्तर लोकसभा सीट के लिए मतदान शुक्रवार शाम 5 बजे खत्म हो गया है। शाम 5 बजे तक 63.41% वोटिंग हो हुई है। संवेदनशील बूथों से मतदान दल लौट रहा है। ऐसे में वोटिंग पर्सेंट बढ़ सकता है। वहीं मतदान के दौरान बीजापुर में दो अलग-अलग हुए ब्लास्ट में CRPF कॉन्स्टेबल देवेंद्र कुमार (32) शहीद हो गया। जबकि असिस्टेंट कमांडेंट घायल हैं।

बीजापुर में पहला ब्लास्ट पोलिंग बूथ से 500 मीटर दूर UBGL सेल से हुआ। इसकी चपेट में कॉन्स्टेबल देवेंद्र कुमार आ गए। उन्हें एयर एंबुलेंस से जगदलपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

वह अपने साथी जवानों के साथ उसूर क्षेत्र के गलगम से एरिया डॉमिनेशन के लिए निकले थे। वहीं भैरमगढ़ के चिहका में IED ब्लास्ट हो गया। इसमें एरिया डॉमिनेशन पर निकले CRPF-62/E के असिस्टेंट कमांडेंट मनु एचसी घायल हुए हैं।

बस्‍तर के गुटूररास इलाके के ग्रामीण 3 किमी पैदल और पहाड़ी पार कर वोट देने मिरीवाड़ा पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि वोट देने से गांव में विकास होगा। पानी और सड़क पहुंचेगी। विकास की उम्मीद से सालों से मतदान कर रहे हैं।
बस्‍तर के गुटूररास इलाके के ग्रामीण 3 किमी पैदल और पहाड़ी पार कर वोट देने मिरीवाड़ा पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि वोट देने से गांव में विकास होगा। पानी और सड़क पहुंचेगी। विकास की उम्मीद से सालों से मतदान कर रहे हैं।

सबसे ज्यादा वोटिंग चित्रकोट में, सबसे कम बीजापुर में

बस्तर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। इनमें चित्रकोट क्षेत्र में सबसे ज्यादा (73.49%) मतदान हुआ है। यह इलाका निवर्तमान सांसद और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का है। वहीं सबसे कम (41.62%) वोटिंग बीजापुर इलाके में हुई है।

अगर 2019 के आंकड़ों को देखें तो बस्तर लोकसभा सीट पर 66.04 प्रतिशत मतदान हुआ था। यह इस बार से 2.63 फीसदी ज्यादा है। हालांकि अभी निर्वाचन आयोग ने अंतिम आंकड़े जारी नहीं किए हैं। इसके चलते इनमें शनिवार तक फेर-बदल संभव है।

सुकमा जिले के पूर्वती गांव से किसी ने मतदान नहीं किया है। यह गांव नक्सली कमांडर हिड़मा का है। नक्सली खौफ के चलते ग्रामीण गांव छोड़कर भाग गए हैं। 3 दशक से इस गांव के लोग मतदान में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। इस क्षेत्र में सुरक्षाबल ने कैंप खोला है।

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