Monday, July 7, 2025

हाईकोर्ट का 8 हिंदू-मुस्लिम जोड़ों को सुरक्षा देने से इनकार:कहा- विवाह कानून के तहत मान्य नहीं; कपल्स ने जान का खतरा बताया था

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को 8 हिंदू-मुस्लिम कपल्स को सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ये शादियां उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के खिलाफ हैं। विवाह करने से पहले धर्म परिवर्तन की कानूनी

इसके साथ ही जस्टिस सरल श्रीवास्तव ने मुरादाबाद सहित अन्य जिलों की 8 अलग-अलग याचिकाओं को खारिज कर दिया। हालांकि कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के बाद विवाह करते हैं, तो वे नए सिरे से सुरक्षा की मांग कर सकते हैं।

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8 में से 5 मुस्लिम युवकों ने हिंदू महिलाओं से की थी शादी
8 जोड़ों में से 5 मुस्लिम युवकों ने हिंदू महिलाओं से और 3 हिंदू युवकों ने मुस्लिम महिलाओं से शादी की थी। कपल्स ने कोर्ट में याचिका दायर कर परिवार से अपनी जान को खतरा बताया था और सुरक्षा की मांग की थी। इसके साथ ही कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह परिवार से कहे कि उनके वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करना बंद कर दें।

क्या है धर्मांतरण विरोधी कानून
2021 का धर्मांतरण विरोधी कानून धर्मांतरण पर रोक लगाता है। इसके मुताबिक अगर कोई अपनी मर्जी से दूसरे धर्म को अपनाता है, तो यह अपराध नहीं है, लेकिन यदि किसी को लालच देकर या ब्लैकमेल करके धर्मांतरण करवाया जाता है, तो यह क्राइम है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ने धर्मांतरण विरोधी कानूनों की संवैधानिक वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर फैसला आना बाकी है।

क्रिया नहीं अपनाई गई, इसलिए ये विवाह कानून के तहत मान्य नहीं हैं।

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