Tuesday, July 8, 2025

शिक्षा विभाग की पहल:पहली बार सरकारी स्कूलों में अब होंगे मंथली टेस्ट, प्रयोग शुरू होगा रायपुर से

छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग दसवीं और बारहवीं बोर्ड के नतीजे सुधारने के लिए सरकारी स्कूलों में मंथली टेस्ट (हर माह टेस्ट) शुरू करने जा रहा है। अभी स्कूलों में वीकली टेस्ट होते हैं। इनमें से एक वीकली टेस्ट खत्म कर उसकी जगह मंथली टेस्ट होगा। यह पूरे एक माह पढ़ाए गए कोर्स पर लिया जाएगा। रायपुर जिले में हिंदी और अंग्रेजी मीडियम को मिलाकर सरकारी स्कूलों में दसवीं और बारहवीं में 50 हजार बच्चे हैं। इसीलिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरूआत रायपुर से होगी।

मंथली टेस्ट के पर्चे बोर्ड की कक्षाओं के लिए पूरे जिले में एक जैसे बनाए गए हैं, ताकि शहरों से गांवों तक स्कूलों में बच्चों के स्तर का पता चले। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि अलग-अलग इलाकों में किस तरह के सुधार ही जरूरत है। रायपुर के सरकारी स्कूलों में दसवीं और बारहवीं का पहला मंथली टेस्ट अगले कुछ दिन में ले लिया जाएगा और नतीजे जारी हो जाएंगे। ​हिंदी मीडियम स्कूलों के अलावा सरकारी इंग्लिश मीडियम में भी इसी तर्ज पर बच्चों का मूल्यांकन होगा। दरअसल छत्तीसगढ़ बोर्ड में पिछले कुछ वर्षों में अन्य जिलों की तुलना में रायपुर का रिजल्ट कमजोर रहा है, खासकर दसवीं के मामले में।

वर्ष 2022 में दसवीं सीजी बोर्ड का रिजल्ट 74.23 था। तब रायपुर जिले का 67.96 प्रतिशत था। इसके अलावा बोर्ड की टॉप-10 लिस्ट में रायपुर जिले के छात्रों की संख्या भी कम थी। इसी वजह से पिछले साल वीकली टेस्ट शुरू किए गए थे। इसका थोड़ा लाभ हुआ और 2023 में दसवीं का रिजल्ट 75.05 आया। इस बार भी रायपुर​ जिले का रिजल्ट इस औसत से कम था। हालांकि, टॉप-10 मेरिट लिस्ट में छात्रों की संख्या बढ़ी है। इसलिए कई तरह के सर्वे के बाद शिक्षा विभाग ने तय किया कि सरकारी स्कूलों में मंथली टेस्ट होने चाहिए। पायल प्रोजेक्ट के रूप में यह रायपुर से ही शुरू किया जा रहा है।

पूरे जिले के स्कूलों के लिए बनेंगे एक जैसे प्रश्नपत्र

अफसरों का कहना है कि वीकली टेस्ट सभी कक्षाओं के लिए चलते रहेंगे। जहां तक मंथली टेस्ट के पेपर का सवाल है, यह जिला स्तर पर तैया किए जा रहे हैं। मंथली टेस्ट से यह पता चलेगा कि छात्र ने एक माह में जितनी पढ़ाई की, उसमें कितना समझ पाया है। अलग-अलग विषयों में उसका प्रदर्शन कैसा है। हालांकि इसे लेकर शिक्षकों के एक वर्ग का कहना है कि बार-बार टेस्ट लेने से रूटीन की पढ़ाई भी प्रभावित हो सकती है। गाैरतलब है कि रायपुर जिले से हर साल करीब 50 हजार से अधिक छात्र सीजी बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं।

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