Monday, December 29, 2025

ISRO : श्रीहरिकोटा से उड़ान भरकर लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित हुआ ब्लूबर्ड-2 स्पेसक्राफ्ट

ISRO , नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर अपनी तकनीकी क्षमता का लोहा मनवाया है। आज ISRO ने अपने भारी-भरकम रॉकेट LVM3-M6 के जरिए अमेरिका की कंपनी AST SpaceMobile के अगली पीढ़ी के ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 (BlueBird Block-2) सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया। यह मिशन न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए संचार तकनीक में एक बड़ा बदलाव लाने वाला माना जा रहा है।

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यह लॉन्चिंग 24 दिसंबर 2025 को सुबह 8:54 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से की गई। तकनीकी कारणों से लॉन्चिंग में करीब 90 सेकेंड की मामूली देरी हुई, लेकिन इसके बावजूद मिशन पूरी तरह सफल रहा। इस कमर्शियल मिशन के तहत ISRO ने अमेरिका के अत्याधुनिक सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में सटीक रूप से स्थापित किया।

सीधे सैटेलाइट से जुड़ेगा स्मार्टफोन

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट की सबसे खास बात यह है कि इसके जरिए सामान्य स्मार्टफोन बिना किसी अतिरिक्त डिवाइस के सीधे सैटेलाइट नेटवर्क से जुड़ सकेंगे। यानी जिन इलाकों में मोबाइल टावर या इंटरनेट नेटवर्क नहीं है, वहां भी कॉलिंग, मैसेजिंग और डेटा सेवाएं संभव हो सकेंगी। यह तकनीक ग्रामीण, पहाड़ी और दूरदराज़ क्षेत्रों में संचार क्रांति ला सकती है।

ISRO की बढ़ती वैश्विक साख

इस मिशन के साथ ISRO ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह सिर्फ वैज्ञानिक अनुसंधान ही नहीं, बल्कि कमर्शियल लॉन्च सर्विसेज में भी दुनिया की अग्रणी एजेंसियों में शामिल है। विदेशी कंपनियों के सैटेलाइट लॉन्च कर ISRO न केवल भारत की तकनीकी शक्ति दिखा रहा है, बल्कि देश के लिए राजस्व भी अर्जित कर रहा है।

भविष्य की संचार क्रांति की नींव

विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 जैसे सैटेलाइट आने वाले समय में 5G और 6G नेटवर्क को भी मजबूती देंगे। आपदा प्रबंधन, समुद्री संचार, रक्षा और दूरस्थ शिक्षा जैसे क्षेत्रों में इसका बड़ा फायदा देखने को मिलेगा।

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