संत मतलब कौन हैं । संत और भगवंत में मनुष्य को कोई भी भेद नहीं करना चाहिए । संत और भगवंत का स्वरुप एक होने के कारण ही उन्हें एक मां जैसा प्यार भक्त करता हैं और भगवान उन्हें ख्याल रखते हैं । संतों की पहचान लाल, गुलाबी, पीला,भगवा या फिर सफेद कपड़ों से नहीं होती बल्कि स्वभाव से होती हैं । अग्र समाज से गीता प्रेस गोरखपुर के भाई हनुमान प्रसाद पोद्दार और रामदास गोयनका इसके उदाहरण हैं ऐसे ही परम संत थे दोनों आज़ लाखों-करोड़ों लोगों को उनसे प्रेरणा मिल रही हैं । ये प्रेरणास्पद वचन वृंदावन से पधारे परम-पूज्य पंडित हनुमान दास जी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा सेवा समिति तथा श्रीश्याम सखी मंडल के द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा प्रेम यज्ञ के दौरान व्यक्त किए । उन्होंने कथा के तृतीय दिवस कुश वाटिका डिडवानिया काम्प्लेक्स के सामने आयोजित कथा प्रसंग के दौरान उत्तानपाद नामक प्रतापी राजा और दो रानियों सुनीति और सुरुचि की कथाएं विस्तार पूर्वक सुनायीं । दिनांक 20 फरवरी से शुरू कथा महात्म्य का समापन दिनांक 26 फरवरी को सुदामा चरित्र की कथा से समापन होगा । कथा का रसपान करने पूर्व नपा उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा, अशोक चौधरी, उद्योगपति दीपक अग्रवाल, कैलाश कंसारी, शशिभूषण सोनी, राकेश कुमार शर्मा , श्रीमति संगीता-विजय अग्रवाल , विनोद कुमार अग्रवाल, गीता , देवी अग्रवाल सहित अन्यान्य लोग उपस्थित थे ।
भगवान सर्वत्र और सर्वव्यापी हैं। हमें सद्कर्म, तप-तपस्या और भक्ति के माध्यम से जीवन जीना चाहिए ।
आचार्य श्री महराज ने कहा कि भगवान सर्वत्र हैं और सर्वव्यापी हैं ।बालक धुव्र की अटल साधना भक्ति को देखकर भगवान विष्णु प्रकट हुए और उन्हें राज गद्दी दियाइ । भगवान का दिव्य आभामंडल बालक ध्रुव को मिला और वे इस संसार में 36000 वर्ष तक प्रजा धर्म का पालन करते हुए स्वर्ग की ओर प्रस्थान किए । भगवान की भक्ति, आराधना, तप-तपस्या हेतु दृढ़ निश्चयी बालक ध्रुव प्रभु को प्राप्त कर लेते हैं तो हम क्यों नहीं पाते । भगवान का निरंतर जाप करो , सद्कर्म करो और धर्म का पालन करते हुए सद्कर्म पूर्वक जीवन जीओं ।
सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गई, जिसका आनंद श्रद्धालु भक्तों ने लिया।
धार्मिक आस्था रखने वाले शशिभूषण सोनी ने बताया कि कथा महात्म्य के दौरान हर-दिन अलग-अलग सुंदर झांकियां सजाई जा रही हैं । बालक ध्रुव के वेश-भूषा में अंकित अग्रवाल के नन्हें से सपूत रियान अग्रवाल , भगवान विष्णु के दिव्य स्वरूप में बुलबुल शर्मा और माता लक्ष्मी के रुप में आभूषणों से सुसज्जित रानी शर्मा की आभा मंडल देखकर श्रोता भावविभोर होकर उपहार भी समर्पित किए ।
कथा में झूमते रहे भक्त और जीवंत झांकियों का आनंद मम्मी-पापा ने उठाया ।
श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन महराज जी ने अपने मुखारविंद से कर्णप्रिय भजनों के साथ भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और बालक ध्रुव के बारें में सुंदर कथा सुनाई । विनोद कुमार शर्मा और उनकी अर्द्धांगिनी श्रीमति कविता देवी शर्मा ने नारायण और लक्ष्मी स्वरुप की साज-सज्जा में विशेष ध्यान दे रही हैं । श्रीमद्भागवत कथा का यूट्यूब के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जा रहा हैं ।