Tuesday, December 30, 2025

Kartik Purnima 2025 : कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि ऐसे करें भगवान विष्णु और शिव की आराधना

नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2025) का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा को भगवान विष्णु, भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

थाना उरगा पुलिस के द्वारा अवैध रूप से कबाड़, लोहे का एंगल पाईप, टीन, स्क्रेप को चुराई हुई सम्पत्ति होने की आंदेशा पर जप्त कर अनावेदक के विरूद्ध की गई कार्यवाही।

कार्तिक पूर्णिमा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • तिथि प्रारंभ: 13 नवंबर 2025 (गुरुवार) सुबह 06:20 बजे से

  • तिथि समाप्त: 14 नवंबर 2025 (शुक्रवार) सुबह 04:58 बजे तक

  • गंगा स्नान और दान का शुभ मुहूर्त: 13 नवंबर की प्रातःकाल से सूर्यास्त तक
    इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान करना अत्यंत शुभ माना गया है।

कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दीपावली (Dev Deepawali) भी कहा जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन गंगा में दीपदान करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये मुख्य कार्य

  1. गंगा स्नान: सुबह सूर्योदय से पहले गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।

  2. दीपदान: शाम को गंगा घाट, मंदिर या घर में दीपक जलाएं।

  3. दान-पुण्य: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, सोना या धन का दान करें।

  4. पूजन विधि: भगवान विष्णु को तुलसी दल, भगवान शिव को बेलपत्र और माता लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें।

  5. व्रत: दिनभर व्रत रखकर भगवान की आरती करें और शाम को कथा सुनें।

इस दिन का विशेष योग

इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जो दान-पुण्य और पूजन के लिए अत्यंत शुभ फलदायी रहेगा।Kartik Purnima 2025 :

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