Sunday, July 6, 2025

केरल-तमिलनाडु के समुद्र में 1.5M तक लहरें उठ सकती हैं:21 घंटे का अलर्ट, मछुआरों से नावों को सुरक्षित जगहें ले जाने को कहा

कलाक्कडल की लहरें तटीय इलाके को ज्यादा नुकसान न पहुंचा सकें, इसके लिए तट पर रेत की बोरियां रखी जाती हैं।केरल और दक्षिण तमिलनाडु में समुद्र में 0.5 मीटर से लेकर 1.5 मीटर तक तेज लहरें उठ सकती हैं। इसके चलते 4 मई की रात 2.30 बजे से 5 मई की रात 11.30 तक तटीय इलाके में रहने वालों और मछुआरों को अलर्ट जारी किया गया है।

समुद्र में जिस तरह से लहरें उठने की संभावना जताई गई है, उसे कलाक्कडल कहते हैं। इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इन्फॉर्मेशन सर्विसेस (INCOIS) ने चेतावनी जारी की है। INCOIS देशभर के मछुआरों के लिए अलर्ट जारी करती है। INCOIS ने केरल और दक्षिण तमिलनाडु के मछुआरों को अपनी नावों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने को कहा है।

कलाक्कडल का अर्थ है- समुद्र का अचानक से चोरों की तरह आना। यानी इस घटना में अचानक से ऊंची लहरें उठती हैं।

केरल ने भी अलर्ट जारी किया

कलाक्कडल की लहरें तटीय इलाके को ज्यादा नुकसान न पहुंचा सकें, इसके लिए तट पर रेत की बोरियां रखी जाती हैं।
कलाक्कडल की लहरें तटीय इलाके को ज्यादा नुकसान न पहुंचा सकें, इसके लिए तट पर रेत की बोरियां रखी जाती हैं।

केरल स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (KSDMA) समेत अन्य मौसम एजेंसियों ने लोगों को खतरे वाले इलाकों से दूर रहने को कहा है। चेतावनी में कहा गया है कि समुद्र की लहरें अचानक से तेज हो सकती हैं।

अथॉरिटी के मुताबिक, मछुआरे समुद्र में ऊंची लहरों से टकराने से बचें। अगर वे समुद्र में जा रहे हैं तो अपने साथ सेफ्टी इक्विपमेंट्स भी रखें।

एजेंसियों ने आम लोगों से भी कहा है कि समुद्र के किनारे जाने से बचें और समुद्र किनारे होने वाली गतिविधियों से दूर रहें।

कलाक्कडल नाम कैसे पड़ा
INCOIS के मुताबिक, समुद्र में अचानक से लहरें उठने लगती हैं। इसका कोई संकेत या वॉर्निंग नहीं होती। इसलिए इसे कलाक्कडल कहा जाता है। इसी के चलते हिंद महासागर के दक्षिणी हिस्से में एक निश्चित समय में तेज हवाएं चलने की संभावना है।

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -