कोरबा-उरगा-बिलासपुर मुख्य सड़क पर स्थित ग्राम कुदुरमाल का हसदेव नदी पुल अब हादसों का खुला न्योता दे रहा है। पुल के नीचे बड़े-बड़े दरारें आ चुकी हैं, और कई जगहों पर रेलिंग भी पूरी तरह टूट चुकी है। इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग और अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। सवाल ये है कि क्या किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ही मरम्मत के नाम पर कार्रवाई होगी?
हर दिन गुजर रहे हैं हजारों वाहन, मौत से खेल रहे लोग
यह पुल कोरबा, उरगा, चांपा, कनकी, पंतोरा, सीपत और बलौदा-बिलासपुर को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। यहां से प्रतिदिन कोयला लोडेड भारी वाहनों, यात्री बसों, चारपहिया और दोपहिया वाहनों की भारी आवाजाही होती है। लेकिन पुल की हालत देखकर ऐसा लगता है मानो किसी भी वक्त यह हादसे में तब्दील हो सकता है।
टूटी रेलिंग से दोगुना खतरा
पुल की कई जगहों की रेलिंग गायब है। भारी वाहनों का थोड़ा सा भी अनियंत्रित होना सीधा हसदेव नदी में गिरने का कारण बन सकता है। बरसात में पुल की फिसलन और अंधेरा हादसों के खतरे को और बढ़ा रहे हैं।
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा: “क्या लाशें गिरने के बाद जागेंगे?”
स्थानीय ग्रामीणों ने तीखे शब्दों में कहा कि उन्होंने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इसकी सूचना दी, मगर नतीजा सिफर रहा। लोगों ने पूछा कि आखिर कब तक मरम्मत को नजरअंदाज किया जाएगा? क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है?
मांग उठी- तत्काल हो मरम्मत, रोकी जाए भारी वाहनों की आवाजाही
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग से तत्काल पुल की मरम्मत कराने और भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह पुल किसी भी दिन बड़ा हादसा कर देगा।