नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल के प्रयासों के बाद 11 माह बाद बुलाई गई सामान्य सभा आज खास रही। शहर के महापौर राजकिशोर प्रसाद को नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने जादुई पिटारा दिया। जिसकी चर्चा कुछ समय से शहर में हो रही थी। इस जादुई पिटारे में गंदा पानी, राखड़, बजरी और कचरा था।
नेता प्रतिपक्ष ने इस दौरान कहा कि यह तोहफा शहर की जनता महापौर को काफी समय से लौटाना चाह रही थी। महापौर ने कोरबा शहर को 15 साल पीछे ढकेल दिया है। कांग्रेस के महापौर ने अपने कार्यकाल के साथ जनता को जनसुविधाओं के नाम पर गंदा पानी, राखड़, बजरी और कचरा ही दिया है।
शहर की जनता महापौर की कार्यशैली से त्रस्त हो चुकी है। कमीशनखोरी की चर्चा हर वार्ड में होती है। एक नल कनेक्शन भी जनता को बगैर कमीशन के नही दिया जा रहा है। जनता महापौर से इस कदर त्रस्त हो चुकी है कि कुछ समय पहले बदहाल सफाई व्यवस्था के कारण जनता ने उन्हें कचरा गोदाम में ही बंद कर दिया था।
शहर में नालिया बजबजाती रहती हैं मगर महापौर अपने कक्ष में आराम फरमाते हैं। गर्मी आ चुकी है। शहर में साफ पीने के पानी के लिए लोग त्रस्त हैं। गंदा पानी, चारो ओर व्याप्त गंदगी से जनता बीमार पड़ रही है। मगर महापौर को इससे कोई सरोकार नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह जादुई पिटारा शहर की सच्चाई को बयां कर रहा है। नगर निगम के महापौर लाखे दावे कर लें लेकिन जनता गंदा पानी, राखड़, बजरी और बजबजाती गंदगी से परेशान है।
भारी विरोध में 5 प्रस्ताव गिरे
नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने बताया कि मुस्लिम / क्रिस्चियन समुदाय हेतु कब्रिस्तान के लिए भूमि आबंटन, राजीव गांधी भूमिहीन कृषि न्याय योजना, प. दीनदयाल उपाध्याय व्यावसायिक काम्प्लेक्स भवन / हाल को लीज पर आबंटन सहित नगरीय निकायों में स्तिथ उद्योग विभाग द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयो के समपत्तिकर से भारमुक्त किया जाने का प्रस्ताव गिर गया |
सभापति ने की लोकतंत्र की हत्या
नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि बजट पेश होने के पश्चात सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की संख्या 26 थी, सभापति संवैधानिक पद पर है, उन्होंने लोकतंत्र की हत्या करते हुए अपना वोट सत्ता पक्ष को दिया जो कि पूर्ण रूप से असंवैधानिक है |
पूज्य बाबा गुरुघासीदास सभागार
सामान्य सभा प्रारंभ होने के पूर्व भाजपा पार्षद दल ने उक्त सभागार के बाहर और अंदर परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास सभागार का बैनर लगाया, अंदर के बैनर को निगम के कर्मचारियों द्वारा हटा दिया गया, जिसके बाद गहमागहमी का माहौल रहा |