जनवरी से मई 2024 की अवधि में जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कुल 202 लोगों की मृत्यु हुई थी। वहीं वर्ष 2025 की समान अवधि में यह संख्या घटकर 177 रह गई है।
यह लगभग 12% की कमी दर्शाती है, जो जिले में सड़क सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
इस सफलता का श्रेय ट्रैफिक पुलिस द्वारा तीन प्रमुख मोर्चों (3 E’s – Engineering, Education, Enforcement) पर की गई ठोस कार्रवाई को जाता है।
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✅ 1. इंजीनियरिंग (सड़क सुरक्षा के भौतिक सुधार)
जिले भर में सड़क की संरचनात्मक कमियों को दूर करने हेतु निम्न कार्य किए गए:
21 ब्लैक स्पॉट एवं 4 ग्रे स्पॉट की पहचान की गई और उन पर सुधारात्मक कार्रवाई की जा रही हैं।
मोड़ों पर दृश्यता सुधारने के लिए झाड़ियों की सफाई की गई।
स्पीड ब्रेकर का निर्माण, स्ट्रीट लाइट, कॉन्वेक्स मिरर, रैडियम पट्टियां, एवं पेड़ो पर सफेद पुट्टीकरण जैसे उपाय किए गए।
📚 2. एजुकेशन (जागरूकता एवं प्रशिक्षण अभियान)
जनमानस को शिक्षित करने और यातायात नियमों के पालन हेतु विभिन्न प्रयास किए गए:
107 “मार्गमित्र” स्वयंसेवकों को चुना गया, जिन्हें प्राथमिक उपचार (First Aid) एवं CPR का विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
स्कूलों और कॉलेजों में यातायात जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
⚖ 3. एनफोर्समेंट ( कानून व्यवस्था और निगरानी)
नियमों के उल्लंघन पर प्रभावी कार्रवाई करते हुए इस वर्ष मई 2025 तक
1,802 ओवरस्पीडिंग के मामलों में चालान।
716 मामलों में शराब पीकर वाहन चलाने (Drunk & Drive) पर कार्रवाई।
728 मामलों में ड्राइविंग लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति।
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📢 कोरबा पुलिस की अपील
> “हमारे इन प्रयासों का उद्देश्य सिर्फ कार्रवाई नहीं, बल्कि जनमानस को सुरक्षित रखना है। आप सभी से अनुरोध है कि सड़क पर चलते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करें, और नशे में वाहन ना चलाएं।
सुरक्षित जीवन की शुरुआत सतर्कता से होती है।