महाराष्ट्र पुलिस ने 19 मई को पुणे में हुई पोर्श कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के पिता और दादा तथा तीन अन्य लोगों के खिलाफ शहर में एक व्यवसायी के बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित एक अलग मुकदमा दर्ज किया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, इस संबंध में पुणे के वडगांव शेरी इलाके में निर्माण व्यवसायी डी. एस. कतुरे ने विनय काले नाम के व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
डी. एस. कतुरे के बेटे शशिकांत कतुरे ने निर्माण कार्य के लिए विनय काले से ऋण लिया था। पुलिस ने बताया कि कतुरे जब समय पर ऋण नहीं चुका सका तो काले ने मूल राशि पर चक्रवर्ती ब्याज लगाने की कथित रूप से धमकी देकर उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पुलिस के मुताबिक, प्रताड़ना से परेशान होकर शशिकांत कतुरे ने इस साल जनवरी में आत्महत्या कर ली।
क्या है पोर्श कांड
19 मई को पुणे के कल्याणीनगर में नाबालिग आरोपी ने देर रात तेज रफ्तार पोर्श कार से बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मार दी थी। हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। दोनों पेशे से इंजीनियर थे और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। खास बात है कि कुछ ही घंटों के भीतर नाबालिग आरोपी को जमानत मिल गई थी। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड यानी JJB ने 300 शब्दों का निबंध लिखने जैसी कुछ शर्तों पर नाबालिग आरोपी को छोड़ दिया था।
बाद में पुलिस कार्रवाई में आरोपी के बिल्डर पिता और दादा को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की मां को भी गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में नाबालिग समेत परिवार के चार सदस्यों के अलावा दो डॉक्टरों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।